केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अनलॉक फोर के लिए नई गाइड लाइन जारी कर दी है। जिसमें कहा गया है कि अब कोई भी राज्य केन्द्र सरकार से इजाजत लिए बगैर लॉकडाउन नहीं लगा सकता। इसके साथ ही 5 सितंबर से शर्तों के साथ मेट्रो सेवा शुरू करने तथा 21 सितंबर से धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों की इजाजत भी दी जा रही है।
लेकिन इसमें शर्त यह रहेगी कि सौ से अधिक व्यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित न रहे। 30 सितंबर तक शैक्षिणक संस्थानों को बंद रखने का फैसला लिया है जो स्वागत योग्य है। देश में जिस तरह कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। उसे मद्देनजर रखकर शैक्षणिक संस्थानों को खोलना कतई उचित नहीं है।
गौरतलब है कि अब तक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 35 लाख से भी ज्यादा हो गई है और प्रतिदिन 60 से 70 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटो के दौरान कोरोना संक्रमण के 78 हजार मामले सामने आए हैं। जाहिर है कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैल रहा है इधर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि ठंड के मौसम में कोरोना वायरस का प्रकोप और फूट सकता है इसलिए सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है। अब जबकि देश धीरे-धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहा है तो सरकार को चाहिए कि अनलॉक फोर के दौरान लगाई गई शर्तों का कड़ाई पूर्वक पालन भी सुनिश्चित करें।
धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में सौ लोगों की उपस्थित की छूट का संबंधित लोग नाजायज फायदा न उठाएं और अनावश्यक भीड़ न लगाएं। इसके लिए सख्त मानिटरिंग करनी होगी और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करनी होगी। अन्यथा इन शर्तों की भी अवेहना शुरू हो जाएगी।
सरकार की गाइड लाइन का लोग ईमानदारी से पालन नहीं कर रहे हैं। सरकार ने गाइड लाइन जारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान ली है। यह देखने वाला कोई नहीं कि लोगा गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं या उसका उल्लंघन कर रहे हैं।
न तो लोग सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे हैं और न ही मास्क पहनना जरूरी समझ रहे हैं। इसी तरह अनलॉक फोर में भी लोग गाइड लाइन का पालन करेंगे। इसकी उम्मीद कम ही है। जबतक सख्ती नहीं बरती जाएगी लोग केन्द्रीय गृहमंत्रालय के दिशा निर्देशों को ठेंगा दिखाते ही रहेंगे। बेहतर होगा कि केन्द्र सरकार अनलॉक फोर के लिए जारी गाइड लाइन का कड़ाई पूर्वक पालन कराने के लिए राज्य सरकारों को कड़े निर्देश दे। तभी कोरोना के कहर से बचा जा सकेगा।