मुंबई। union minister narayan rane: हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राणे के खिलाफ 17 सितंबर तक कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है और राज्य सरकार ने इस संबंध में आश्वासन भी दिया है। राणे के वकील माने शिंदे ने अदालत को बताया कि यह मांग व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर आघात है।
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया और मंगलवार को सड़कों पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया। नारायण राणे ने आज हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दोपहर में याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राणे के खिलाफ 17 सितंबर तक कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है और राज्य सरकार ने इस संबंध में आश्वासन भी दिया है।
राणे के वकील ने कहा कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर नारायण राणे के खिलाफ दर्ज आरोप झूठे हैं। इन अपराधों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। उन जगहों पर जाने की जरूरत नहीं है जहां राणे के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए हैं।
अधिवक्ता मानेशिंदे ने आगे कहा कि नारायण राणे द्वारा 23 अगस्त को दिया गया बयान भड़काऊ नहीं था। राज्य सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक अमित देसाई भी पेश हुए। देसाई ने मांग की कि अगली सुनवाई तक कोई बयान नहीं दिया जाए। हालांकि राणे के वकील मानेशिंदे ने अदालत को बताया कि यह मांग व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर आघात है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की मांग नहीं मानी। अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। राणे की याचिका में मुख्य मांग पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने की है। याचिका में मामले को रद्द करने की भी मांग की गई है क्योंकि इसे गलत धारा के तहत दायर किया गया था।