COVID19 टीकाकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है-सिंहदेव
रायपुर/नवप्रदेश। COVID19 Campaign : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंहदेव ने आज ‘मोर जिम्मेदारी’ अभियान की शुरुआत की। चार महीने तक चलने वाले इस अभियान के अंतर्गत राज्य भर के आदिवासी समुदायों में COVID19 टीकाकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।
सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन
मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह अभियान राज्य में आदिवासी समुदायों के टीकाकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है और साथ ही सरकार के टीकाकरण से जुड़े प्रयासों में एक महत्वपूर्ण योगदान है। प्रचारकों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत, संवेदनशील वर्गों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और उन लोगों के टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जिन्हे वैक्सीन का पहला डोज़ प्राप्त हो चुका है।
बड़े पैमाने पर संचालित होने वाले इस जन जागरूकता अभियान का उद्देश्य आदिवासी आबादी को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित करना है। यह अभियान उन 19 जिलों के हर आदिवासी परिवार तक पहुंचेगा, जहां पर्याप्त जनजातीय आबादी है।
अभियान के ये उद्देश्य
छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ के प्रमुख जॉब ज़करिया ने कहा कि इस अभियान (COVID19 Campaign) के तीन उद्देश्य हैं: कोविड टीकाकरण के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना, टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करना और राज्य में टीकाकरण का कवरेज बढ़ाना। श्री ज़करिया आगे ने कहा, “प्रमुख हितधारकों और प्रभावितों के साथ मिलकर हम कोविड वैक्सीन के बारे में लोगो को जागरूक करेंगे और उन्हें टीकाकरण और कोविड व्यवहारों का पालन करने के लिए राजी करेंगे।”
यूनिसेफ और एकता परिषद के साथ, अभियान में युवाओं, धार्मिक और आदिवासी नेताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों, नागरिक समाज संगठनों और अन्य स्थानीय प्रभावितों का सहयोग लिया जाएगा।
कोविड प्रसार रोकने अभियान
एकता परिषद के कार्यक्रम प्रभारी रमेश शर्मा ने कहा कि ‘मोर जिम्मेदारी’ अभियान (COVID19 Campaign) कोविड प्रसार को रोकने के प्रयासों को बढ़ाने के लिए सीएसओ, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सरकार के बीच एक सफल साझेदारी का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि एकता परिषद छत्तीसगढ़ के 2,000 से अधिक गांवों में अपनी उपस्थिति के साथ निश्चित रूप से इस कार्य को अंजाम दे सकती है।
मोबाइल सूचना कियोस्क द्वारा COVID19 टीकाकरण के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी, साथ ही स्वयंसेवकों और प्रचारकों द्वारा गीत, नृत्य और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से महत्वपूर्ण संदेश साझा किया जाएगा। यह कियोस्क बाजार, हाट बाजारों, धार्मिक स्थलों, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशनों, बस्तियों और अन्य प्रमुख स्थानों को कवर करेगा।
एकता परिषद है जन आंदोलन
एकता परिषद भूमि अधिकारों के लिए एक जन-आधारित जन आंदोलन है। लगभग 250,000 भूमिहीन गरीबों की सक्रिय सदस्यता के साथ, एकता परिषद् विश्व स्तर के सबसे बड़े जन आंदोलनों में से एक माना जाता है। एकता परिषद् को कई सफल प्रयासों के लिए भी जाना जाता है- जैसे कि लगभग 500,000 परिवारों को भूमि अधिकार दिलाना, 10,000 से अधिक लोगों में नेतृत्व क्षमता का विकास करना, वन और जल निकायों की रक्षा करना और भारत में भूमि सुधारों से संबंधित कई कानून और नीति निर्माण शामिल है।