नई दिल्ली। UN Report : संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट ने घर और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा पर कोविड -19 के प्रभाव पर प्रकाश डाला है। रिपोर्ट के अनुसार, कई महिलाओं ने बताया है कि उनके बीच या वे जिन महिलाओं को जानती है उनमें से कई महामारी की शुरुआत में हिंसा का शिकार हुई थी। ये डेटा 13 देशों के सर्वे पर आधारित है।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के अंतर्राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, लगभग एक चौथाई महिलाएं घर पर कम सुरक्षित महसूस कर रही थीं, जबकि घरों में मौजूदा झगड़ा बढ़ गया था।
जब महिलाओं (UN Report) से पूछा गया कि वे घर में असुरक्षित क्यों महसूस करती हैं, तो उन्होंने (21 प्रतिशत) इसका एक कारण शारीरिक शोषण बताया। कुछ महिलाओं ने विशेष रूप से बताया कि उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों (21 प्रतिशत) द्वारा चोट पहुंचाई गई थी या घर की अन्य महिलाओं (19 प्रतिशत) को चोट पहुंचाई जा रही थी।
अपने घरों के बाहर भी महिलाएं हिंसा अधिक महसूस कर रही थीं, 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने कोविड -19 की शुरूआत के बाद से रात में अकेले घूमना कम सुरक्षित महसूस किया। लगभग 5 में से 3 महिलाओं ने यह भी महसूस किया कि कोविड -19 के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीड़न और बढ़ गया है।
वित्तीय दबाव, बेरोजगारी, खाद्य असुरक्षा और तनावपूर्ण पारिवारिक संबंधों (UN Report) जैसे सामाजिक-आर्थिक तनाव कारकों ने न केवल सुरक्षा (या हिंसा) के अनुभवों पर बल्कि महिलाओं के समग्र कल्याण पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।