- मुख्यमंत्री पद के सवाल पर बोले शिवसेना पक्ष प्रमुख-अब सत्ता में 50-50 के फॉर्मूले पर अमल करे भाजपा
मुंबई/नवप्रदेश। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे (udhav thakckrey) के बयान से महाराष्ट्र में सत्ता (forming government) स्थापित करने को लेकर भाजपा (bjp) का टेंशन बढ़ सकता है।
उन्होंने भाजपा को लाेकसभा चुनाव से पूर्व दोनों दलों के बीच तय हुए सत्ता में 50-50 का फॉर्मूला (50-50 formulae) याद दिलाया। विधानसभा चुनाव के नतीजों के मद्देनजर उन्होंंने गुरुवार को पत्रकार वार्ता की।
पत्रकारों के यह पूछे जाने पर कि क्या महायुति (महागठबंधन) की सत्ता स्थापित होने पर शिवसेना मुख्यमंत्री पद की मांग करेगी। उद्धव (udhav thackery) ने कहा कि अब भाजपा (bjp) को लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र को लेकर शिवसेना के साथ तय किए गए फॉर्मूले (50-50 formulae) पर अमल करना चाहिए।
दानों पक्षों के शीर्ष नेता बैठकर इस पर मंथन करेंगे और उम्मीद है कि इसके बाद महायुति की ओर से सत्ता स्थापना (forming government) का दावा किया जाएगा। हालांकि पत्रकारों के यह पूछे जाने पर कि यह फॉर्मूला कब तय हुआ था, उद्धव ने इतना ही कहा कि आपको खोजने पर मिल जाएगा।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मेरे घर आए थे और तब महाराष्ट्र की सत्ता के लिए 50-50 का फॉर्मूला (50-50 formulae) तय हुआ था। गौरतलब है कि माहयुति को महाराष्ट्र को स्पष्ट बहुमत मिला है। लेकिन कांग्रेस-एनसीपी नीत महाआघाड़ी (महागठबंधन) को पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा सीटें मिली हैं।
अब नहीं समझ सकूंगा भाजपा की अड़चनें, मुझे भी चलानी है अपनी पार्टी: उद्धव
पत्रकार वार्ता में उद्धव (udhav thackery) ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब वे अागे भाजपा की अड़चनों को नहीं समझ पाएंगे। सीट बंटवारे के समय उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के कहने पर भाजपा की अड़चनों काे समझा था, लेकिन अब नहीं समझ सकते। मुझे भी अपनी पार्टी को चलाना है और इसे आगे बढ़ाना है।
फडणवीस भी जुट गए तैयारी में
उद्धव के बाद भाजपा नेता व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी पत्रकार वार्ता कर कहा कि इस बार भी सरकार महायुति (भाजपा, शिवसेना व अन्य सहयोगी दल ) की ही बनेगी। उन्होंंने यह भी कहा कि निर्दलीय के तौर पर चुनाव जीत चुके नेताओं से भी हम संपर्क में हैं। निर्दलीय व अन्य छोटे दलों के चुनाव जीत चुके 15 लाेगों ने मुझे फोन किया है और वे महायुति में आने को तैयार है। महाराष्ट्र की राजनीति के जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान शिवसेना के लिए सिरदर्द वाला हो सकता है। जानकारों का कहना है कि यदि शिवसेना (shivsena) अपनी मांगों पर अड़ी रही तो भाजपा कोई अन्य फॉर्मूले पर भी विचार कर सकती है।