रायपुर/नवप्रदेश। TS Singhdev Rubaru : पंजाब में हैट्रिक की जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने मुझसे संपर्क किया था, लेकिन मैं कांग्रेस में हूं और रहूंगा। यह बात प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने आज रायपुर प्रेस क्लब में रूबरू कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कही।
उन्होंने कहा कि, ‘आप’ के लोगों ने उनसे संपर्क किया है, लेकिन खुलकर कहता हूं केजरीवाल से मेरी मुलाकात कभी नहीं हुई है। सिंहदेव ने कहा, उन्हें नहीं लगता कि छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी का कोई असर है। राज्य में फिलहाल आप तीसरा विकल्प नहीं है। टीएस सिंहदेव ने साफ किया कि वे कांग्रेस में बने रहेंगे। भविष्य में BJP में जाने के सवाल पर मंत्री बोले, सवाल ही नहीं उठता है। उनके साथ कई मुद्दों पर विरोध है।
राजनीति में आने से मना करते थे पिता
राजनीतिक जीवन को लेकर पूछे गए सवाल (TS Singhdev Rubaru) पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, मेरे सहज सरल व्यवहार के कारण पिताजी मुझे राजनीति में आने से मना करते थे। उन्होंने कहा, नगरपालिका के सीमित स्तर से लेकर जिले के काम और प्रदेश में भागीदार बनने का जब मौका मिला तो प्रदेश स्तर पर भी काम करने का मौका मिला। नगर पालिका के अध्यक्ष के रूप में काम करने का मौका एक चुने हुए जनप्रतिनिधि के रूप में 1983 में मिला। 2008 के बाद विधायक के रुप में, 2013 में पार्टी ने सोनिया और राहुल गांधी जी ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में काम करने का अवसर दिया और 2018 में चुनी हुई सरकार के एक विधायक और बाद में मंत्री के रूप में काम करने का मौका मिला।
एक अधूरी चाहत की ओर इशारा
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बातचीत के दौरान अपनी एक अधूरी चाहत की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा, एक चाहत अभी बची हुई है। उम्मीद है कि पूरी होगी। बातें हुई हैं। सब कुछ सकारात्मक है। जल्द डिलीवरी हो जाएगी। समय आ गया है उसे अंजाम तक ले जाने का। सीएम बनने को लेकर पूछे एक सवाल पर उन्होंने कहा, जो बनना था वह बन गया। कुछ बनना बाकी है, उसकी चर्चा होती रहती है। प्रयास जारी है। सिंहदेव ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब उन्हें मंत्री बनाया तो अपना विभाग चुनने की अवसर दिया था।
कुछ काम नहीं कर पाने का मलाल
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdev Rubaru) ने अपने विभागीय काम भी गिनाए। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में यहां अच्छा काम हुआ है। पेसा कानून के नियम बनकर तैयार हैं। ग्रामीण आवास का काम फंड की कमी से नहीं हो पाया उसका उन्हें मलाल है। जहां उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर काम करने का दावा किया, वहीं कुछ काम न करने का अफसोस भी किया।