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Trolling : जायज नहीं है कपिल शर्मा की ट्रोलिंग

Trolling: Trolling of Kapil Sharma is not justified

Trolling

नीरज मनजीत। Trolling : निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की संवेदनशील फि़ल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर ‘कपिल शर्मा शो’ वाले कपिल एक अनचाहे विवाद के चलते ट्रोल हो रहे हैं। पूरे मामले को समझने के लिए पहले हमें ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में जानना होगा। इस फिल्म में 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई त्रासदी का सच्चा चित्रण किया गया है। तब मशीनगनों, बंदूकों और घातक हथियारों से लैस कश्मीरी अलगाववादियों-आतंकवादियों ने निहत्थे पंडितों का जीनोसाइड किया, स्त्रियों का रेप किया और उन्हें कश्मीर छोडऩे पर मजबूर कर दिया था।

सरकारी रेकॉर्ड के मुताबिक तकऱीबन (Trolling) सत्तर हजार हिंदू परिवार अपनी जान की ख़ैर माँगते हुए कश्मीर से पलायन कर गए थे। इनमें से कई परिवार आज भी अपने ही देश में शरणार्थी बने बड़ी ही मुश्कि़ल जि़ंदगी गुज़ार रहे हैं। उस वक़्त घाटी में फ़ारूख़ अब्दुल्ला की और केन्द्र में वीपी सिंह की सरकार थी। वीपी सिंह को पीडीपी का समर्थन हासिल था और घाटी की इस पार्टी के अध्यक्ष मुफ़्ती मोहम्मद सईद तब गृहमंत्री थे। इस घटना से भी बड़ी त्रासदी यह थी कि इस असाधारण नरसंहार को राजनीतिक बियाबान में डाल दिया गया। सरकारें बदलती रहीं, बत्तीस बरस बीत गए, पर न तो पंडितों को न्याय मिला, न कोई जाँच आयोग बिठाया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने भी यह तर्क देकर कि ‘काफी वक़्त बीत चुका है’, इसकी सुनवाई से इंकार कर दिया था। लंबे अरसे तक मीडिया और मानवाधिकारों की पैरवी करने वाली संस्थाओं ने भी उनकी तरफ़ आँखें मूँदी रखीं और इन परिवारों की पीड़ा, उनका आत्र्तनाद और उनकी घर वापसी बौद्धिक आतंकवाद की भेंट चढ़ गई। 2008 में मनमोहन सिंह की कांग्रेस की सरकार ने संजीदगी से कोशिश करते हुए तकऱीबन पाँच हजार पंडितों को घाटी में वापस लौटाकर बसाया था। 2014 के बाद भाजपा की केंद्रीय सरकार ने इन परिवारों की घर वापसी के प्रयास तेज किए हैं। इस घटना पर विधु विनोद चोपड़ा भी एक फि़ल्म ‘शिकारा’ बना चुके हैं, किंतु इस ट्रेजेडी के सरलीकृत चित्रण के लिए उन्हें पीडि़त परिवारों और संजीदा सिने समीक्षकों की कड़ी आलोचना झेलना पड़ी थी।

दरअसल, इस फि़ल्म में चोपड़ा ने कुछ मामूली वास्तविक घटनाओं को चुनकर एक निहायत ही डिज़ाइनर प्रेमकथा में पिरो दिया था, जिससे कश्मीरी पंडितों का दर्द उभर नहीं पाया था। जबकि विवेक अग्निहोत्री ने कई वर्षों के शोध और पीडि़त परिवारों से लंबे साक्षात्कारों के बाद इस फि़ल्म की पटकथा लिखी है। इसीलिए यह फि़ल्म वास्तविक पीड़ा और आत्र्त स्वरों से भरे एक क्लासिक की तरह हमारे सामने है। विवेक एक निहायत ही संजीदा और सामाजिक सरोकारों से प्रेरित फि़ल्मकार हैं। इसके पहले वे लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मृत्यु पर आधारित फि़ल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ बना चुके हैं। इस फि़ल्म को काफी सराहना मिली थी। ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्क्रीनिंग पहले अमेरिका में की गई। 15 अलग-अलग शहरों में इसे दिखाया गया था।

इस फि़ल्म को लेकर कपिल शर्मा के विवाद में फंसने की वजह विवेक अग्निहोत्री का एक ट्वीट था। दरअसल मार्च के पहले हफ़्ते विवेक के किसी प्रशंसक ने ट्वीट कर उनसे पूछा कि ‘कपिल शर्मा शो’ में इस फि़ल्म को क्यों प्रोमोट नहीं किया जा रहा है। जवाब में विवेक ने बड़ी ही विनम्रता से कहा कि कपिल के शो में किस फि़ल्म पर चर्चा की जानी है, यह शो के प्रोड्यूसर तय करते हैं। बाद में उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि शायद इस फि़ल्म का बजट कम है, इसलिए कपिल ने इसके प्रोमोशन में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

बस फिर क्या था। सोशल मीडिया पर कपिल की ट्रोलिंग शुरू हो गई। उनके शो के बहिष्कार की मांग उठने लगी। इल्ज़ाम लगने लगा कि उनके शो पर मूवी माफिय़ा का कब्ज़ा है और सेलेक्टिव लोग ही प्रोमोट किए जाते हैं। इस विवाद को लेकर तरह-तरह की निराधार अफ़वाहें भी सोशल मीडिया में तैरने लगीं। कपिल ने इस ट्रोलिंग का गोलमोल सा जवाब दिया, तो इन अफ़वाहों को और बल मिलने लगा। हम मानते हैं कि यह पूरा विवाद ही बेतुका है। सच कहा जाए तो कपिल का शो हँसी-मज़ाक से भरा होता है, जिसमें बात-बात में टाँग खिंचाई होती है, मिमिक्री की जाती है, ठहाके लगते हैं। ‘द कश्मीर फाइल्सÓ को कपिल के शो में लाना बड़ा ही ग़लत क़दम होता।

इस फि़ल्म की सारी गंभीरता (Trolling) और अपील ही ख़त्म हो जाती। इस फि़ल्म को वैसे ही संजीदा दर्शकों और समीक्षकों की काफी तारीफ़ मिल रही है। बॉक्स ऑफिस पर भी यह फि़ल्म बड़ी हिट साबित हो रही है। विवेक अग्निहोत्री इस तथ्य को अच्छी तरह समझते हैं, इसीलिए उन्होंने यह कहकर विवाद ख़त्म करने की कोशिश की कि वे ख़ुद कपिल के प्रशंसक हैं।

हम भी मानते हैं कि अपनी अप्रतिम हास्य-प्रतिभा और स्वाभाविक आत्मविश्वास के बूते पर कपिल ने फि़ल्म इंडस्ट्री में एक अलग ही मक़ाम बनाया है। एक मंझोले तबके के परिवार से आकर कड़ी प्रतिस्पर्धा से निकलना काफी बड़ी बात है। वैसे कपिल के शो पर पहले भी कई हमले हुए हैं। उसके अंदर के कुछ कलाकारों ने ही कपिल पर कई इल्ज़ाम लगाकर शो छोड़ दिया था। तकऱीबन डेढ़ साल तक उसका शो बंद रहा। एकबारगी लगा कि वह ख़त्म हो गया है। पर उसने लौटकर एक बार फिर अपने शो को शिखर पर पहुँचाया है।

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