रायपुर/नवप्रदेश। Tribal Festival : नाइजीरिया राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में भाग लेने के लिए रायपुर पहुंचने वाली पहली टीम है।संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत नाइजीरिया के कलाकारों की अगवानी के लिए समय पर एयरपोर्ट पहुंचे थे। करीब 11.30 बजे पहुंची नाइजीरियाई टीम का मंत्री ने गर्मजोशी से स्वागत किया।।
मंत्री अमरजीत भगत ने मीडिया से चर्चा में बताया कि आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन 28, 29 और 30 को किया जा रहा है। आज नाइजीरिया की टीम पहुंची है, मिस्टर जेम्स इनके लीडर है। हम स्वागत करने के लिए पहुंचे, ताकि मेहमान नवाजी में भी छत्तीसगढ़ का नाम हो।
छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (Tribal Festival) में भाग लेने आई पहली विदेशी टीम नाइजीरिया रविवार को दिल्ली पहुंची, जिसके बाद रायपुर में संबंधित अधिकारियों को फोटो सेशन करके भेजा था।
बता दें कि रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 28 अक्टूबर से शुरु हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान लोगों को जनजातीय परंपाओं के परिधानों, गहनों, शिल्पों, डिजाइनों और खान-पान के बारे में भी विस्तार से जनकारियां प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इस महोत्सव में ट्राइबल डांस एरिया और स्पीकर लाउंज के साथ-साथ लाइव शोकेस एरिया, ट्राइबल इंस्पायर्ड एग्जीबिट, शिल्प-ग्राम और फूड-एरिया का भी निर्माण किया जाएगा।
नाइजीरिया टीम का रायपुर में भव्य स्वागत किया। यह टीम आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रस्तुति देंगे। ट्राइबल डांस एरिया में 28 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जनजातियों द्वारा विभिन्न जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। स्पीकर लाउंज में कला, संगीत, फिल्म, स्वास्थ्य, पर्यटन, खानपान सहित विभिन्न क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों को अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर मिलेगा।
इस मंच के माध्यम से वे अपने समुदाय में हुए विकास और भविष्य की योजनाओं के बारे में अपने विचारों को भी साझा कर पाएंगे। लाइव शोकेस एरिया में आदिवासियों के कार्यों का प्रदर्शन किया जाएगा। लोग जनजातीय कलाकारों से बातचीत करके उनकी कलाओं और शिल्प के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।
ट्राइबल इंस्पायर्ड एक्जिबिट (Tribal Festival) में जनजातीय परंपराओं से प्रेरित परिधानों, गहनों, डिजाइनों आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। शिल्प-ग्राम में आदिवासी हस्तशिल्प का प्रदर्शन और विक्रय किया जाएगा। फूड एरिया में छत्तीसगढ़ के स्थानीय और जनजातीय खान-पान की परंपराओं से लोग परिचित होंगे।