रांची, नवप्रदेश। झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक होनी है। राजधानी रांची के धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन में आयोजित इस बैठक में वैसे तो 11 एजेंडों पर चर्चा होगी लेकिन मुख्य मुद्दा द प्रोविजन ऑफ द म्यूनिसिपैलिटी बिल-2001 पर स्टैंडिंग कमिटी का प्रस्तावित संसोधन है। बता दें कि इस बिल के मुताबिक शेड्यूल एरिया में नगर निकाय चुनाव में अनुसूचित जनजाति की आबादी अधिक होने पर उसके अनुरूप ही मेयर, अध्यक्ष या वार्ड पार्षद का पद आरक्षित किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए टीएसी की अनुशंसा अनिवार्य होगी। इसी संसोधन के तहत रांची नगर निगम में मेयर का पद एसटी की बजाय एससी के लिए आरक्षित किया गया है। संभवत इसके लिए आबादी ही आधार रही हो लेकिन इसका विरोध हो रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं टीएसी के अध्यक्ष
गौरतलब है कि टीएसी की ये बैठक अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग विभाग ने बुलाई है। ट्राइबिल एडवाइजरी काउंसिल के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं। कमिटी में सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों के अलावा कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी भी शामिल हैं। बता दें कि 23 नवंबर यानी आज झारखंड में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाना चाहिए था लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया है जबकि इसे राज्यपाल की मंजूरी मिल चुकी है। दरअसल, रांची नगर निगम में मेयर का पद एसटी से हटाकर एससी के लिए आरक्षित किए जाने के फैसले का विरोध हो रहा है। कई आदिवासी संगठन इसके खिलाफ हाईकोर्ट चले गए हैं। सड़क पर इसका विरोध हो रहा है।
निकाय चुनाव के संबंध में हो सकती है चर्चा
संभावना जताई जा रही है कि टीएसी की बैठक में संसोधन प्रस्ताव पर चर्चा होगी। हो सकता है कि बैठक के बाद नए सिरे से आरक्षण तय किया जाए। संभवत, यही कारण है कि अभी तक निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। प्रस्तावों के मुताबिक 24 नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होनी थी लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है। उम्मीद जाहिर की जा रही है कि ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक के बाद देर शाम चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए लेकिन ये इतना आसान नहीं है क्योंकि बदलाव के मुताबिक नया आरक्षण रोस्टर तैयार करना होगा।
बता दें कि झारखंड नगर निकाय चुनाव इस बार बगैर ओबीसी आरक्षण के भी हो रहा है। ओबीसी वर्ग से संबंधित संगठनों द्वारा विरोध में रथयात्रा भी निकाली गई है। आदिवासी संगठनों का विरोध अलग जारी है। भारतीय जनता पार्टी नगर निकाय चुनावों का आयोजन दलीय आधार पर नहीं कराने को लेकर हेमंत सरकार पर हमलावर है।