Tree Planting : इस योजना ने बंजर भूमि पर फूंकी जान, यकीं नहीं...तस्वीरों में देखें बदली सूरत

Tree Planting : इस योजना ने बंजर भूमि पर फूंकी जान, यकीं नहीं…तस्वीरों में देखें बदली सूरत

Tree Planting: This scheme blew life on barren land, not sure... see the pictures changed its appearance

Tree Planting

बैकुण्ठपुर/नवप्रदेश। Tree Planting : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना के तहत लगातार कार्य किया जा रहा है। इस योजना के तहत बंजर भूमि जहां घास का भी एक तिनका नहीं रहता था वहां भी औषधीय महत्व के हजारों पौधे नजर आने लगे हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है कोरिया जिले के ग्राम पंचायत आनी में।

आक्सीजोन के रूप में ले रहा आकार

कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के निकट (Tree Planting) ग्राम पंचायत आनी में 21 एकड़ बंजर क्षेत्र को मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना के लिए चयनित किया गया था। जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा 4 जुलाई 2021 को यहां पहला पौधा लगाकर बंजर भूमि में पौधारोपण की शुरूआत की गयी थी।

इस तरह से ग्राम पंचायत आनी में 21 एकड बंजर भूमि को प्रदेश के पहले वन प्रदर्शन प्रक्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने की शुरूआत की गयी थी जो अब अस्तित्व में आ गया है। पूरी तरह से बंजर पड़ी इस भूमि में घास का एक तिनका भी नहीं होता था और अब औषधीय महत्व के हजारों पौधों के साथ मिश्रित वन में होने वाले सभी वर्ग के पौधों की हरियाली से यह क्षेत्र आक्सीजोन के रूप में आकार ले रहा है।

यहां पर फलदार पौधों की वाटिका के साथ ही इमारती और शोभनीय पौधों का विस्तारित वन क्षेत्र तैयार किया गया है। इन पौधों के साथ ही यहां पर 20 हजार से ज्यादा की संख्या में औषधीय महत्व के पौधों का रोपण अंतवर्तीय तरीके से किया गया है।

वन प्रदर्शन प्रक्षेत्र का स्वरूप

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना का बेहतर क्रियान्वयन हो सके इसके लिए जिले में एक मानक प्रदर्शन प्रक्षेत्र और मातृवाटिका (नर्सरी) बनाई गई है। मनरेगा, जिला खनिज न्यास मद सहित अन्य विभागीय योजनाओं के अभिसरण से ग्राम पंचायत आनी के एक बड़े क्षेत्रफल को वन प्रदर्शन प्रक्षेत्र का स्वरूप प्रदान किया गया है।

इसमें पशुओं के आश्रय स्थल के साथ ही चारागाह का विकास भी किया गया है जिसके लिए 5 एकड़ भूमि आरक्षित की गई है। यहां पर 10 एकड़ रकबे में फलोद्यान भी तैयार किया जा रहा है। क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो इस मातृवाटिका से आने वाले प्रत्येक वर्ष में लगभग 1 लाख औषधीय पौधे प्राप्त किए जा सकेंगे और यह आय का भी एक बड़ा स्रोत बनकर उभरेगा।

43 प्रजातियों के 10 हजार पौधों से लहलहाई बंजर भूमि

कोरिया जिला कलेक्टर कुलदीप शर्मा के अनुसार छत्तीसगढ़ में यह अलग तरह का प्रयास है जिससे जिले को एक अलग पहचान मिलेगी। इस मातृवाटिका में कोरिया जिले के जंगलों में मिलने वाले सभी प्रजाति के पौधों के साथ ही प्रदेश में मिलने वाली कुल 43 विभिन्न प्रजातियों के लगभग 10 हजार पौधे का रोपण किया गया है जिसके विस्तार एवं रखरखाव का कार्य वन विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र और उद्यान विभाग के जिम्मे है।

जिस तेजी के साथ यह क्षेत्र बंजर भूमि से वन प्रदर्शन क्षेत्र के रूप में उभर रहा है उससे यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में यहां पर्यटन की संभावनाओं के साथ ही ग्रामीणों के लिए रोजगार (Tree Planting) के द्वार भी खुलेंगे।

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