13 जुलाई से रुकेंगे राज्य भर की बसों के पहिए, किराया न बढ़ाया तो लेंगे जल समाधि
रायपुर/नवप्रदेश। Traffic Federation : आज राजधानी की सड़कों से लम्बी यात्री बसों की बारात निकली। दरअसल, लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ती ही जा रही है, लेकिन यात्री बसों का किराया नहीं बढ़ रहा है। इस बात से खासे नाराज बस मालिक, संचालक व यातायात महासंघ ने आज रैली निकल कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि बस किराये में 40 प्रतिशत वृद्धि की जाए। यातायात महासंघ ने चेतावनी भी दी है कि किराया नहीं बढ़ाया गया, तो प्रदेश में बसों का संचालन 13 जुलाई से बंद कर दिया जाएगा।
सरकार के साथ कई बार बैठकों का दौर चला
यातायात महासंघ (Traffic Federation) का कहना है कि पेट्रोल, डीजल का दाम लगातार बढ़ रहा है और कोरोना काल की वजह से बस में लोगों का आना जाना बहुत ही काम है, बावजूद बस संचालकों को पुराने किराए पर बस संचालन करने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि इस मसले पर कई बार सरकार के साथ बैठक भी हो चुकी है।
बस संचालकों की आर्थिक स्थिति खराब
उन्होंने बताया कि 16 माह में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते बसों के पहिए थमने पर अधिकांश बस आपरेटरों की आर्थिक हालत अत्यंत खराब है। उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्री किराया में 25 से 35 प्रतिशत की वृद्धि की है जबकि प्रदेश शासन द्वारा अब तक कोई राहत नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में यूनियन द्वारा 29 मई को परिवहन मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई है।
दुर्घटना होने पर परिवहन मंत्री होंगे जिम्मेदार
आज जिला मुख्यालय में बस संचालक, (Traffic Federation) चालक, परिचालक, हेल्पर, क्लिनर परिवार सहित रैली निकालकर कलेक्टरों को ज्ञापन सौपेंगे। 12 जुलाई को बुढ़ापारा धरनास्थल में संयुक्त रूप से महाधरने का आयोजन किया गया है। इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं होती है तो 13 जुलाई को प्रदेश की बसें अनिश्चितकान के लिए बंद की जाएंगी। मांगे पूर्ण नहीं होने की स्थिति में 14 जुलाई को दोपहर 3 बजे खारून नदी में बस संचालक जल समाधि लेंगे। इस दौरान कोई दुर्घटना घटती है तो इसके लिए परिवहन मंत्री एवं राज्य शासन के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।