पंघल को 2018 में मिला था अर्जुन अवॉर्ड
नई दिल्ली। भारत के मुक्केबाज अमित पंघल से टोक्यो ओलंपिक (Olympics Countdown) में पदक लाने की उम्मीद बढ़ गई है। हाल ही में पंघल को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक बॉक्सिंग समिति टास्क फोर्स (बीटीसी) ने पुरुष फ्लाईवेट 53 किग्रा वर्ग में नंबर-1 मुक्केबाज चुना था।
यह दूसरी बार है जब उन्हें नंबर-1 रैंक मिला है। इससे पहले 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद पंघल नंबर-1 बने थे। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक (Tokyo Olympics 2021) जीतने वाले हरियाणा के रोहतक के 25 वर्षीय मुक्केबाज पंघल पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज हैं जो रूस में आयोजित हुए विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे थे।
हालांकि, 52 किग्रा के फाइनल में उन्हें उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव के हाथों हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। लेकिन पंघल के लिए यह बड़ी उपलब्धि थी क्योंकि इससे पहले कोई भारतीय यह मुकाम हासिल नहीं कर सका था।
पंघल को 2017 में इंटर सर्विस मीट के पहले राउंड में हार का सामना करना पड़ा था जो उनके लिए झटका था। लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया और मेहनत कर अपने कोशल को विकसित किया।
पुणे के आर्मी स्पोटर्स इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग करने वाले पंघल (Olympics Countdown) ने 52 किग्रा के क्वार्टर फाइनल में फिलीपिंस के कार्लो पालम को हराकर 2020 टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2021) के लिए क्वालीफाई किया था।
पंघल अच्छी फॉर्म में थे उन्होंने दिसंबर 2020 में जर्मनी के कोलोग्ने में अयोजित हुए बॉक्सिंग विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इसके बाद बुल्गारिया में स्ट्रांजा कप में भी स्वर्ण पदक जीता। वह जून 2021 से इटली में ट्रेनिंग कर रहे हैं।
रोहतक जिले के मायना गांव में 16 अक्टूबर 1995 को जन्में पंघल अपने भाई और पूर्व अमेच्योर मुक्केबाज से प्रेरित होकर मुक्केबाजी में आए। पंघल को 2018 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।