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Tobacco Products : राज्यपाल ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (संशोधन) विधेयक पर किए हस्ताक्षर

Tobacco Products: Governor signed the Cigarettes and Other Tobacco Products (Amendment) Bill

Tobacco Products

रायपुर/नवप्रदेश। Tobacco Products : राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 में संशोधन हेतु प्रस्तुत विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। अब इस विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति हेतु भेजा जाएगा। इस अधिनियम की धारा 3, 4,12, 13, 21 एवं 27 में संशोधन किया गया है।

इसके अनुसार धारा 4 में संशोधन कर धारा 4क और 4ख जोड़ा गया है। धारा 4क. के अनुसार ”हुक्का बार पर रोक- इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति, स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से, कोई हुक्का बार नहीं खोलेगा या हुक्का बार नहीं चलाएगा या भोजनालय सहित किसी भी स्थान पर ग्राहकों को हुक्का नहीं देगा।” धारा 4ख. के अनुसार ”हुक्का बार में हुक्के के माध्यम से धूम्रपान पर रोक- कोई भी व्यक्ति, किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल (गडग़ड़ा) के माध्यम से धूम्रपान नहीं करेगा।”

धारा 13 में संशोधन कर नवीन धारा 13क. जोड़ा (Tobacco Products) गया है। धारा 13क. के अनुसार ”हुक्का बार के मामले में जब्त करने की शक्ति- यदि कोई पुलिस अधिकारी/आबकारी अधिकारी, जो राज्य सरकार द्वारा अधिकृत हो, और जो उप-निरीक्षक की श्रेणी से निम्न का न हो, के पास यह विश्वास करने का कारण है कि धारा 4क. के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है या उनका उल्लंघन किया जा रहा है, वह हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त कर सकेगा।”

मूल अधिनियम की धारा 21 में संशोधन करते हुए नवीन धारा 21क. एवं 21ख. जोड़ा गया है। धारा 21क. के अनुसार ”हुक्का बार चलाने के लिए दण्ड- जो कोई, धारा 4क के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, वह ऐसे कारावास, जो कि तीन वर्ष तक का हो सकेगा, किन्तु जो एक वर्ष से कम नहीं होगा और जुर्माना, जो कि पचास हजार रूपए तक का हो सकेगा, किन्तु जो दस हजार रूपए से कम नहीं होगा, से दंडनीय होगा।

इसी प्रकार 21ख. के अनुसार ”हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धूम्रपान के लिए दण्ड- जो कोई, धारा 4 ख के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे ऐसे जुर्माने, जो कि पांच हजार रूपए तक का हो सकेगा, किन्तु जो एक हजार रूपए से कम नहीं होगा, से दंडित किया जाएगा।”

धारा 27 में संशोधन (Tobacco Products) करते हुए नवीन धारा 27क. जोड़ा गया गया है। धारा 27क. के अनुसार ”धारा 4क. के तहत अपराध का संज्ञेय तथा अजमानतीय होना-इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, धारा 4क. के तहत कारित अपराध, संज्ञेय तथा अजमानतीय होगा।”

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