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तिरूपति लड्डू विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश, कहा- करोड़ों भक्तों के हित का विषय, स्वतंत्र एसआईटी करेगी जांच

Tirupati Laddu controversy: Supreme Court gave instructions, said- matter of interest of crores of devotees, independent SIT will investigate

Tirupati Laddu controversy

-तिरूपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

नई दिल्ली। Tirupati Laddu controversy: हाल के दिनों में तिरुमला के तिरूपति वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर में लडडू प्रसाद विवाद पर राजनीति काफी गरमाई हुई है। इस संबंध में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्देश देते हुए कहा कि एक स्वतंत्र विशेष जांच टीम तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू मिलावट की जांच करेगी।

तिरूपति मंदिर के लाडू मिलावट (Tirupati Laddu controversy) मामले में राज्य सरकार द्वारा की जा रही एसआईटी जांच को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है। आंध्र प्रदेश के डीजीपी द्वारका तिरुमाला राव ने कहा कि जांच स्थगित कर दी गई है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया था। हालाँकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नए निर्देश दिए हैं और यह स्पष्ट किया है कि एक स्वतंत्र विशेष जांच दल तिरुपति मंदिर में लाडू मिलावट मामले की जांच करेगा।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ?

वह अदालत को राजनीतिक लड़ाई का अखाड़ा नहीं बनने देना चाहती। नई विशेष जांच टीम में दो सीबीआई अधिकारी, आंध्र प्रदेश सरकार के दो प्रतिनिधि और एफएसएसएआई का एक सदस्य शामिल होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा एसआईटी की जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे। एसआईटी की क्षमता पर कोई संदेह नहीं है। हमारी मांग है कि जांच की निगरानी केंद्रीय पुलिस बल के किसी वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी जाए। अगर इस बात में कोई सच्चाई है तो इसे ऐसे ही छोडऩा गलत होगा। पूरे देश में इनके भक्त हैं। खाद्य सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि एसआईटी सदस्यों द्वारा की जा रही जांच पर कोई आपत्ति नहीं है।

इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि इस संबंध में दोबारा बयान दिया गया है। सिब्बल ने कहा कि कोर्ट को मामले की जांच एसआईटी (Tirupati Laddu controversy) के बजाय किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंपनी चाहिए। यह करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का विषय है। कोर्ट ने यह कहते हुए कि हम नहीं चाहते कि इस मामले का राजनीतिकरण हो, एक स्वतंत्र विशेष जांच दल गठित कर जांच करने का निर्देश दिया।

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