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संपादकीय: सपूतों के सपने साकार करने का समय

Time to fulfill the dreams of sons

Time to fulfill the dreams of sons

Time to fulfill the dreams of sons: आज देश आजादी की 77वीें वर्षगांठ मनाने जा रहा है। आज ही के दिन 1947 को ब्रिटिश हुकूमत की बेडिय़ों में जकड़ी भारत माता को मुक्ति मिली थी।

इसके लिए असंख्य क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने स्वतंत्रता की बलिवेदी पर अपने प्राणों की आहुती दी थी। इन अमर शहीदों को आज याद करने का दिन है। इसके साथ ही उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लेने का भी दिन है।

यदि हम उनके सपनों का भारत बनाने का प्रण लें तो यही उन सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जिसके लिए हमें देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाना होगा। हमें यह नहीं सोचना चाहिए की देश ने हमारे लिए क्या किया है।

इसकी जगह हमें इस बात पर गौर करना चाहिए की हम देश के लिए क्या कर रहे हैं। देश की एकता और अखंड़ता की रक्षा करने के साथ हमें देश के विकास में अपनी सहभागिता दर्ज करानी होगी। अपने सांस्कृतिक विरासत और नैतिक मूल्यों के साथ ही महापुरुषों के आदर्शों को भी संजोकर रखना होगा।

तभी समाज में सकारात्मक परिवर्तन परिलक्षित होगा। इस साल के स्वतंत्रता दिवस की थीम विकसित भारत है। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस लक्ष्य को हम भेद सकते हैं। बशर्ते हम सब जाति और धर्म की संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर देशहित को सर्वोपरि मान कर चलें। बीते साढ़े सात दशकों के दौरान भारत ने प्रगति के पथ पर तेजी से कदम बढ़ाए हैं।

इसके बावजूद गरीबी, भूखमरी, अशिक्षा और बेरोजगारी जैसी समस्याओं के मकडज़ाल से हम मुक्त नहीं हो पाएं हैं। पिछले एक दशक के दौरान भारत ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है।

रक्षा क्षेत्र में भी भारत ने नए प्रतिमान गढ़े हैं। पहले हम हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भर रहते थे लेकिन अब भारत में स्वदेशी हथियारों का न सिर्फ निर्माण हो रहा है बल्कि हम इनका निर्यात भी करने लगे हैं।

स्वदेशी तोप और टैंक बनाने के साथ ही अब डीआरडीओ नेे एंटी टैंक मिसाइल बनाने में भी कामयाबी हासिल कर ली है जिसका पोखरण में सफल परीक्षण भी हो चुका है। इस नई स्वदेशी मिसाइल के निर्माण के साथ ही भारत की सेना की ताकत और बढ़ गई है।

गौरतलब है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के साथ हमारा सीमा विवाद लंबे समय से चल रहा है। जिसके चलते इन देशों के साथ जंग की नौबत भी आती रही है।

अब तो एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट की घटना होने के बाद उसके साथ भी सीमा विवाद को लेकर तनाव पैदा होने की आशंका बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में हमें अपनी सेना को और अधिक मजबूत बनाने के लिए अत्याधुनिक हथियारों की आवश्यकता पड़ेगी।

ताकि भारत की संप्रभुता और अखंड़ता पर किसी तरह की कोई आंच न आने पाए। यदि भविष्य में इन देशों में से किसी के साथ भी युद्ध की नौबत आती है तो हमारी भारतीय सेना अब अपने स्वदेशी हथियारों से इनका मुकाबला करने में सक्षम हो गई है।

निश्चित रूप से यह भारत की एक बड़ी उपलब्धि है। बीते एक दशक के दौरान कोरोना काल की गंभीर चुनौतियों से जूझते हुए भी भारत ने आर्थिक प्रगति की नई मिसाल कायम कायम की है। जहां एक ओर जानलेवा कोरोना के कारण दुनिया के बड़े बड़े देशों की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी।

वहीं भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आगामी पांच सालों के भीतर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए कटिबद्ध है। यदि हम इसमें सफल होते हैं तो कोई बड़ी बात नहीं की 2047 के पहले ही हम विकसित देशों की सूची में अपना नाम दर्ज कराने में सफल हा जाएं।

इसके लिए सरकार अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है और तरह तरह की चुनौतियों से जूझ रही है। दुनिया के ताकतवर देश चाहे अमेरिका हो या चीन या फिर यूरोपीय देश वे यह नहीं चाहते की भारत की ताकत बढ़े और भारत विकासशील देशों की श्रेणी से बाहर निकलकर विकसित राष्ट्र बने।

दरअसल भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है यदि भारत विकसित देश बन जाएगा तो इन बड़े देशों की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। इसी वजह से वैश्विक शक्तियां भारत की राह में अवरोध पैदा करने के लिए लगातार तरह तरह के हथकंडे अपना रही है।

इन विदेशी ताकतों को हमारे ही देश के गद्दारों की मदद मिल रही है जो अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए विदेशी ताकतों के आंखों की कठपुतलियां बने हुए हैं।

नतीजतन सरकार को दो मोर्चों पर लड़ाई लडऩी पड़ रही है। ऐसी स्थिति में देश के हर नागरिक का यह दायित्व बनता है कि वह देश की प्रगति में अपना योगदान दें।

सभी के समवेत प्रयासों से ही देश के सपूतों का चिरप्रतीक्षित स्वप्न साकार हो पाएगा और भारत विकसित देशों की सूची में अपना सम्मानजनक स्थान बनाने में सफल हो पाएगा। इसके लिए हर देशवासी के दिल में देशभक्ति का जज्बा बरकरार रहना चाहिए।

बकौल एक शायर – दिल से निकलेगी मर कर भी वतन की उल्फत मेरी मिट्टी से भी खु्र्रशबू -ए- वफा आएगी। इसी मंगल कामना के साथ समस्त पाठकों और देशवासियों को दैनिक नवप्रदेश परिवार की ओर से स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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