CM Face : रमन सिंह ने खुद को भी बताया एक चेहरा
रायपुर/नवप्रदेश। CM Face : छत्तीसगढ़ में भाजपा 15 साल बाद विपक्ष की भूमिका में है। भाजपा के पास वर्तमान में 14 विधायक हैं,इसके बावजूद भी भाजपा खुद को छत्तीसगढ़ में कमजोर नहीं मान रही है। प्रदेश के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को रिचार्ज करने भाजपा प्रदेश प्रभारी डी.पुरंदेश्वरी समय-समय पर बैठक लेने पहुँच भी रही हैं। पुरंदेश्वरी 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत का मंत्र भी अपने कार्यकर्ताओं को दे चुकी हैं।
अब भाजपा में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री के चेहरे पर चर्चा शुरू हो गई है। इसी कड़ी में गुरुवार को रायपुर प्रेस क्लब में “प्रेस से मिलिए” कार्यक्रम मे नए चेहरे के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने बड़ा ही रोचक बयान दिया है,जो पार्टी को इंगित भी करता नजर आ रहा है।
मेरा भी है छोटा सा चेहरा-रमन
रमन सिंह ने अपने चिर परिचित अंदाज में मुस्कुराते हुए कहा कि “भाजपा के पास बहुत से अच्छे चेहरे हैं, उनमें से एक छोटा सा चेहरा (CM Face) मेरा भी है।” इसके साथ ही टीएस सिंहदेव को सीएम बनाने की कोशिश के सवाल पर अपने 14 विधायक पर विश्वास जताया है। रमन सिंह ने यह भी कहा कि मेरा लक्ष्य है कि सबके साथ मेहनत करके केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनाना।
दरअसल, पिछले दिनों भाजपा की छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने कोर ग्रुप की बैठक में चुनाव में विकास के मुद्दे पर ही लड़ने पर जोर दिया था। साथ ही प्रदेश प्रभारी ने मीडिया को भी चेहरे पर चुनाव लड़ने के बजाय विकास के मुद्दे पर बल दिया था। वहीं ख़ास चेहरे को दरकिनार भी कर दिया था। उसी समय से 15 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे डॉ.रमन सिंह पर सवालिया निशान भी लग गया था।
प्रदेश भाजपा में अंदरखाने सर फुटव्वल
2018 में विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद पार्टी के भीतरखाने में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। अब प्रदेश में कांग्रेस की ओर से OBC मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किये जाने के बाद भाजपा में भी OBC और आदिवासी मुख्यमंत्री के चेहरे पर चर्चा गरमाने लगी है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब भाजपा OBC और आदिवासी मुख्यमंत्री के लिए मुखर हुई हो। लेकिन प्रदेश में भाजपा के तीन कार्यकाल में रमन सिंह का चेहरा ही सबसे बड़ा चेहरा माना जाता रहा है। ये भी माना जाता था कि दिल्ली दरबार में रमन सिंह की पकड़ काफी मजबूत है। वहीं प्रदेश में विधानसभा चुनाव के हार के बाद रमन सिंह का कद कुछ कमतर आंका जाने लगा है। यही कारण है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी रमन सिंह की एक न चली। इस दौरान उन्होंने अपने लड़के अभिषेक सिंह को भी टिकट नहीं दिलवा पाए। यही नहीं लोकसभा में सारे प्रत्याशी नए थे जिन्हे जीत भी मिली।
संगठन में रमन सिंह की कमजोर पकड़ और प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं के बीच अंदरखाने चल रही अंतर्कलह से अब भाजपा की केंद्रीय समिति भी वाकिफ हो चुकी है। यही कारण है कि 2023 के चुनाव में शायद ही भाजपा पहले से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का चेहरा (CM Face) घोषित करे। इन सब के बावजूद प्रदेश में फिर से भाजपा का पताका लहराने की उम्मीद सभी भाजपा कार्यकर्ताओं में नजर तो आ रही है,लेकिन ये सच हो पाता है या नहीं ये तो समय ही बताएगा।
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