नई दिल्ली। भारतीय सेना पर घुसपैठ और हमलों को लेकर कोरोना काल से ही भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। यह माहौल अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है और दोनों देश अलग-अलग स्तरों पर एक-दूसरे से संबंध काटने लगे हैं। भारत ने चीनी कंपनियों के ऐप्स पर बैन लगा दिया था। इसे बरकरार रखा गया है। साथ ही दोनों देशों के बीच पत्रकारिता संबंध लगभग खत्म होते जा रहे हैं।
चीन ने भारत के इकलौते पत्रकार को देश छोडऩे का आदेश दिया है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने पत्रकार को इस महीने के अंत तक चीन छोडऩे को कहा है। इस पत्रकार पर चीनी पत्रकारों के साथ दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया गया है। लेकिन मामला अलग है।
चीनी अधिकारियों ने भारत की हरकत के बदले में पीटीआई के इस रिपोर्टर को देश छोडऩे को कहा है। अगर यह पत्रकार चीन छोड़ देता है तो बीजिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई पत्रकार नहीं होगा। इस साल की शुरुआत में, भारत में चीन में चार पत्रकार थे, ब्लूमबर्ग ने बताया। हालांकि, हिंदुस्तान टाइम्स के रिपोर्टर ने पिछले हफ्ते ही चीन छोड़ दिया था। अप्रैल में चीन ने प्रसार भारती और द हिंदू के दो पत्रकारों का वीजा रिन्यू करने से मना कर दिया था। इसी के चलते उन्होंने तभी देश छोड़ दिया था।
चीन के विदेश मंत्रालय और भारत के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। कुछ समय पहले भारत में भी ऐसा हो चुका है। भारत में केवल एक चीनी पत्रकार बचा है, जो अभी भी वीजा नवीनीकरण का इंतजार कर रहा है। इससे पहले भारत ने चीन की सरकारी मीडिया शिन्हुआ न्यूज एजेंसी और चाइना सेंट्रल टेलीविजन के दो पत्रकारों के वीजा नवीनीकरण आवेदन को खारिज कर दिया था। इसी के चलते अब चीन ने भी यही कदम उठाया है। पिछले महीने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने यह जानकारी दी थी।