मुंबई। manipur incident shameful: मणिपुर के मुद्दे पर यूरोपीय संसद में चर्चा होती है, लेकिन अगर भारतीय संसद में इस पर चर्चा नहीं होने देना यह तो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। 70 दिन बाद भी मणिपुर को शांत नहीं किया जा सका है। खुद को विश्वगुरु कह कर शांत हो जाओ मणिपुर कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक शब्द नहीं कहा। मणिपुर भी भारत का एक हिस्सा है प्रधानमंत्री जी। वहां के लोग देश के लोग हैं।
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया जाता है। यह देश के 140 करोड़ लोगों के लिए चिंता का विषय है। समान नागरिक संहिता लागू करने से पहले मणिपुर में कानून व्यवस्था ठीक करें। क्या आपमें है इतनी हिम्मत? यह सवाल सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा।
सांसद संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर कदम के पीछे राजनीतिक स्वार्थ है। मोदी बिना स्वार्थ के कुछ नहीं करते। आने वाला समय तय करेगा कि बीजेपी और मोदी का स्वार्थ क्या है। 70 दिन बाद पीएम मोदी ने महिला के वीडियो पर कमेंट किया है। दिल्ली में निर्भया कांड के बाद पूरी सरकार ही पलट गयी थी। उस वक्त बीजेपी इसके विरोध में थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर हिंसा नहीं रोकी जा सकी तो यह सरकार की पूरी विफल सरकार है।