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-ब्रटेन में आहार विशेषज्ञों की अभिभावकों को सलाह
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-ब्रिटेन में इन दिनों शाकाहार का बढ़ रहा चलन
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-मांसाहार रहित बेबी फूड बना रही कंपनियां
रायपुर। छत्तीसगढ़ chhattisgarh में कुपोषण दूर करने के लिए स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन mid day meal में अंडे देने के राज्य सरकार के फैसले पर विवाद छिड़ा हुआ है। विवाद काफी हद तक जायज भी है, क्योंकि धरती को ग्लोबल वार्मिंग global warming से बचाने के लिए दुनिया में शाकाहार को अपनाने की दलीलें दी जा रही है। हालांकि शाकाहार vegetarianism से शरीर को सभी जरूरी विटामिन मिल जाए यह संभव नहीं है। ब्रिटेन से सामने आई खबर यही बता रही है। खबर के मुताबिक , दुनियाभर के आहार विशेषज्ञ nutritionist अपने बच्चों को शाकाहार vegetarianism पर निर्भर करने जा रहे बच्चों को सलाह दे रहे हैं कि वे ऐसा करने से पहले भलीभांति सोचें। ब्रिटिश न्यूट्रीशन फाउंडेशन (बीएनएफ) ने कहा है कि बच्चों को सिर्फ शाकाहार vegetarianism देना उन्हें शरीर व बुद्धि के विकास के लिए जरूरी विटामिन व मिनरल से वंचित कर सकता है। ब्रिटेन में इन दिनों शाकाहार vegetarianism के प्रति लोगों में जागरूकता का चलन बढ़ गया है। बेबी फूड बनाने वाली कंपनियां शाकाहारी बेबी फूड बनाने को मजबूर हो रही हैं। इसके बावजूद बीएनएफ ने उक्त न्यूट्रीशन गाइडलाइन guideline जारी की है। बीएनएफ ने ऐसे अभिभावकों को अपने बच्चों को पहले डॉक्टर्स के पास ले जाकर उनसे सलाह लेने की नसीहत दी है।
फ्रूट जूस में विटामिन पर खराब हो सकते हैं बच्चों के दांत:
शाकाहार vegetarianism में फ्रूट जूस के जरिए अहम विटामिन मिल सकते हैं। लेकिन इसमें अत्यधिक मात्रा में सुगर हो सकती है। साथ ही ये एसिडिक भी हो सकते हैं जो बच्चों के दातों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसका सेवन भोजन के दौरान ही किया जा सकता है। गौरतलब है कि ब्रिटेन में अपने भोजन से मांस, अंडे के साथ ही डेयरी व शहद जैसे एनिमल प्रोडक्ट को भी अपने भोजन से हटाने वाले लोगों की संख्या 2014-18 के बीच बढ़कर 6 लाख हो गई है।