मुंबई। hoarding of Ghatkopar: घाटकोपर त्रासदी की कई भावनात्मक कहानियां हैं। कौन अकेला है, कौन एकमात्र कमाने वाला है, इसकी खबर ने मन को झकझोर कर रख दिया है। इस तरह इस होर्डिंग ने मुंबई एयरपोर्ट पर एक वरिष्ठ अधिकारी और उनकी पत्नी की जान ले ली है। चौंकाने वाली बात यह है कि जब बचाव अभियान चल रहा था। बेटे को शक था कि कुछ ना कुछ हुआ है। इसलिए वह पिता को फोन लगा रहा था।
इस होर्डिंग (hoarding of Ghatkopar) त्रासदी के बाद लोहे के कंकाल को तोडऩे का काम अभी भी जारी है। बचाव दल द्वारा यथासंभव लोगों को बाहर निकाला गया है। अब तक 17 लोगों के शव मिल चुके हैं। इसी तरह मुंबई एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी सोमवार शाम से लापता है। अमेरिका में उनका बेटा उन्हें बुला रहा था। लेकिन पिता फोन नहीं उठा रहे थे बेटे को शक हुआ और दुर्भाग्य से यह सच निकला।
लड़के ने मुंबई में अपने दोस्तों को फोन किया और उनसे कहा कि वे उसके माता-पिता की तलाश करें क्योंकि वे फोन नहीं उठा रहे हैं। ये दोस्त थाने पहुंचे। तभी लड़के ने अपने पिता के फोन की लोकेशन ढूंढी और हैरान रह गए। पिता का स्थान घाटकोपर पेट्रोल पंप था जहां हादसा हुआ। मंगलवार को पुलिस को सूचना मिलते ही वह वहां पहुंची और मलबे के नीचे तलाश शुरू की।
मुंबई हवाई अड्डे पर यातायात नियंत्रण के महाप्रबंधक मनोज चानसूर्या और उनकी पत्नी के शव एक क्षतिग्रस्त एसयूवी में पाए गए। सोमवार शाम को वह मध्य प्रदेश स्थित अपने गांव के लिए निकले। रास्ते में वे एक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने गए थे और होर्डिंग त्रासदी के शिकार हो गए।