नई दिल्ली। PM Security Lapse : पंजाब में पीएम की सुरक्षा में हुए चूक पर सियासी गलियारों के साथ ही प्रशासनिक अमलों में भी इसकी गूंज सुनाई देने लगी है। बुधवार की घटना पर भाजपा ने जहां इसे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति करार दिया है तो वहीं अब पूर्व IPS अफसरों ने भी पीएम सुरक्षा को देश के लिए खतरा बताया है।
दरअसल, बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुए चूक पर देश के कई पूर्व प्रशासकों ने राष्ट्रपति को खत लिखकर चिंता जाहिर की है। पत्र लिखने वालों में सीबीआई के पूर्व निदेशक, कई पूर्व डीजीपी समेत 27 लोगों ने पत्र लिखा है। 27 पूर्व अधिकारियों में पंजाब के पूर्व डीजीपी पीसी डोगरा, महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी प्रवीण दीक्षित, आईटीबीपी के पूर्व डीजी एसके जैन, दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर आरएस गुप्ता, सीबीआई के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव, यूपी के पूर्व डीजीपी रहे भानु प्रताप सिंह और आर.एन. सिंह शामिल हैं।
पत्र में अधिकारियों ने राष्ट्रपति को अवगत कराते हुए लिखा कि हम पूर्व पुलिस अधिकारी पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में जानबूझकर की गई चूक को लेकर हैरान हैं। अधिकारियों ने लिखा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी के पहले से तय दौरे के वक्त जिस तरह से रास्ता रोक दिया गया, वह राज्य सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मिलीभगत का नतीजा लगता है। इसमें प्रधानमंत्री (PM Security Lapse) को नीचा दिखाने और उन्हें नुकसान पहुंचाने की सोच दिखती है।’
पूर्व IPS अफसरों की माने तो जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री का काफिला 15 से 20 मिनट तक ब्रिज पर रुका रहा, वह चिंता को जन्म देता है। यह व्यवस्था पंजाब और देश की सुरक्षा के लिए प्रश्नचिन्ह लगाता है। लोकतंत्र के लिए खतरा बताकर राष्ट्रपति को इस मामले पर संज्ञान लेने आग्रह भी किया गया है,ताकि इस तरह का कृत्य और कहीं न हो।
राष्ट्रपति से मिले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन जाकर मुलाकात की। इस दौरान पीएम ने बुधवार को पंजाब में उनके सुरक्षा में हीलाहवाला की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने भी पीएम सुरक्षा में गंभीर चूक पर चिंता जताई।
SC पहुंचा मामला
सुप्रीम कोर्ट में पीएम सुरक्षा (PM Security Lapse) को लेकर वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने CJI के सामने इस मामले को रखते हुए घटना पर रिपोर्ट लेने और पंजाब सरकार को दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश देने की मांग की। वहीं कोर्ट ने याचिका की कॉपी पंजाब सरकार को सौंपने को कहा। शुक्रवार को इसपर सुनवाई होगी। वहीं इस मामले में अब पंजाब सरकार ने उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल और प्रमुख सचिव (गृह मामले एवं न्याय) अनुराग वर्मा शामिल होंगे। प्रवक्ता ने कहा कि समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।