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खेती का स्थान मां के समान जो हमारा भरण-पोषण करती है : भूपेश बघेल

The place of farming is like a mother who favors us: Bhupesh Baghel

The place of farming is like a mother who favors us: Bhupesh Baghel

रायपुर। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में हरेली त्योहार harelee festival का बड़ा महत्व है, खासकर कृषक वर्ग में इस त्योहार को लेकर खासा उत्साह देखा जाता है। कल 01 अगस्त को यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर राज्य के मुखिया ने भी प्रदेशवासियों को हरेली त्योहार harelee festival की बधाई देते हुए अपनी शुभकामनाएं दी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल CM Bhupesh Bhaghel ने हरेली त्योहार के लिए अपना बधाई संदेश देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी निवासियों को हरेली त्योहार harelee festival की बहुत-बहुत बधाई। हमारे छत्तीसगढ़ के कृषि संस्कृति के अनुसार हरेली त्योहार पहला त्योहार होता है। ग्रामीण जीवन में खेती का स्थान मां के समान होता है। खेत, मां के समान हमारा भरण पोषण करता है। सावन अमावस्या का यह त्योहार सभी से जुड़ा है। हरेली harelee festival हमारे धरती माता के हरियाली का संदेश लेकर आती है और साथ में हमारे संस्कृति का भी संदेश देती है।

हमारे सामने चुनौती है कि हम अपनी संस्कृति को कैसे बचाएं? आप लोगों की इस सरकार ने यही सोच कर हरेली harelee festival में अवकाश की घोषणा की है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आव्हान करते हुए कहा कि, आईये हम अपनी परपंरा को नया जीवन देते हुए हरेली त्योहार harelee festival को धूमधाम से मनाएं। गौठान की सफाई करें, गौधन का जतन करें और गुड़ चीला का भोग लगाएं।

बच्चे-युवा गेढ़ी खेंले, गांव देहात के पारंपरिक खेलकूद का आयोजन करते हुए हरेली त्योहार का रंग उत्साह से भर दें। उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश में निवासरत सभी भाई-बहनों से अनुरोध करता हूं कि एक नई शुरूआत करें और हरेली को हम अपने और नई पीढ़ी के लिए छत्तीसगढ़ की संस्कृति की पहचान बनाएं। हमारी संस्कृति में नरवा, गरुवा घुरवा बाड़ी की योजना से छत्तीसगढ़ी संस्कृति को एक नई पहचान मिलेगा।

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