The incident of stampede in Prayagraj Mahakumbh is tragic: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी जुटी। मेला प्रशासन और उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा किये गये तमाम चाक चौबंध इंतेजामों के बावजूद संगम नोज पर आधी रात के बाद भगदड़ मच गई जिसकी वजह से दस से अधिक लोगों की मौत की खबर है वहीं लगभग पचास श्रद्धालु घायल हो गये।
निश्चित रूप से यह घटना अत्यंत दुखद है। इस घटना के बाद शासन-प्रशासन ने तत्काल स्थिति को संभाला घायलों को सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया। जिनके बेहतर उपचार के लिए अब उन्हें निजी अस्पतालों में भेजा गया है और उनके उपचार का पूरा खर्च सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है। भगदड़ की यह घटना कैसे हुई इसकी जांच की जा रही है।
कुछ हिन्दु धर्म गुरूओं और उत्तरप्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी ने आशंका जताई है कि किसी अफवाह के चलते ही यह भगदड़ हुई होगी। इस एंगल से भी इस दुखद घटना की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि मौनी अमावस्या के लिये प्रयागराज मेेंं ऐतिहासिक भीड़ जुटी है। इस समय प्रयागराज में लगभग दस करोड़ श्रद्धालु जुटे हुए हैं।
इतनी बड़ी भीड़ का प्रबंध करना कोई हंसी खेल नहीं है। फिर भी वहां शासन प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतर इंतजाम किये थे। जिसकी सभी लोग सराहना कर रहे हैं। इन व्यापक इंतजामों के बावजूद वहां भगदड़ की घटना कई सवाल खड़े करती है। जिसका जवाब इस घटना की जांच ेंके बाद ही समाने आएगा।
संगम नोज पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की थी कि जो लोग स्नान कर चुके हैं वे वापस लौट जाएं क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का रैला लगातार आ रहा है। पुलिस ने लाउड स्पीकर से यह भी चेतावनी दी थी कि यदि स्नान कर चुके लोग यहां से वापस नहीं जाएंगे और भी श्रद्धालुओं आ जाएंगे तो यहां भगदड़ की स्थिति निर्मित हो सकती है।
इस चेतावनी के बावजूद वहां भीड़ नहीं हटी और देर रात लगभग दो बजे वहां और ज्यादा भीड़ जुटने के कारण अफरातफरी फैल गई इसकी वजह से पुलिस द्वारा लगाये गये बैरिकेट भी टूट गये और भगदड़ मच गई। बहरहाल इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद वाररूम में बैठकर स्थिति पर निगाह रखी और अधिकारियों को निर्देश देते हुए प्रशांसनिक अफसरों ने भी मोर्चा संभाल लिया और कुछ ही घंटों में स्थिति पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया।
मेला क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती बढ़ा दी गई और इसके बाद श्रद्धालुओं की भीड़ को भी समझाइश देकर नियंत्रण कर लिया गया। नतीजन सुबह नौ बजे से स्नान फिर शुरू हो गया और भगदड़ की घटना के बाद जिन 13 अखाड़ों के साधु संतों ने अपने शाही स्नान का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था उनका शाही स्नान दोपहर बाद शुरू करा दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संपर्क में बने रहे और पल-पल की खबर लेते रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगो से शांति और संयम बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि अब वहां स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है इसलिए लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। वे संगम नोज पर पहुंचने की हड़बडी न करें गंगा नदी पर और भी कई घाट बनाये गये हैं इसलिए श्रद्धालु अन्य घाटों पर भी गंगा स्नान कर पून्य लाभ ले सकते हैं।
बहरहाल महाकुंभ में हुई इस दुखद घटना के बाद अब वहां और ज्यादा सतर्कता बरतने की आवश्यकता है क्योंकि देश व दुनिया से करोड़ो श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। ऐसे में वहां भीड़ इस तरह की भगदड़ की स्थिति निर्मित न हो इसके लिये और ज्यादा ऐहतियात बरतने की सख्त जरूरत है।