गजब कारनामा : एफआईआर दर्ज हुई तो कंपनी ने नाम ही बदल दिया

गजब कारनामा : एफआईआर दर्ज हुई तो कंपनी ने नाम ही बदल दिया

the FIR filed by the company changed the name

the FIR filed by the company changed the name

  • एफआईआर के बाद हरि ओम ट्रेडिंग ने बदल दिया नाम

  • ग्लेज कंपनी के फ्रें-चाइजर हरि ओम ट्रेडिंग पर दर्ज हैं दो एफआईआर

  • 2500 लोग बाहर से आकर कर रहे हैं काम

नवप्रदेश संवाददाता

बिलासपुर। बेरोजगार युवाओं को नौकरी JOB देने के नाम पर मोटी रकम लेने के आरोप में पहले ही ग्लेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी Glaze Private Limited Company के फ्रेंचाइजर हरि ओम ट्रेडिंग Hari Om Trading के खिलाफ तारबाहर थाने में दो अपराध दर्ज हैं।

अब हरि ओम ट्रेडिंग Hari Om Trading बंद कर मित्रा इंटरप्राइजेज के नाम से संस्था नगर पंचायत सिरगिट्टी में संचालित कर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। दिल्ली के ग्लेज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी Glaze Private Limited Company से फ्रेंचाइजर लेकर वर्ष 2012 में हरि ओम ट्रेडिंग संस्था प्राइवेट लिमिटेड ने नगर पंचायत सिरगिट्टी में अपना कार्य शुरू किया था।

इसमें लगभग 2500 बेरोजगार युवाओं को कार्य पर रखा गया था, जिन्हें नौकरी देने का झांसा देकर अपनी संस्था पर कार्य करने बुलाया गया था।नौकरी JOB के लालच में आकर बेरोजगार युवकों ने संस्था को मोटी रकम दे डाली। रकम लेने के बाद संस्था द्वारा युवाओं को नौकरी की जगह (कॉस्मेटिक सामग्री) दैनिक उपयोग में लाने वाली सामग्री देकर बेचने के लिए मजबूर किया जाने लगा।

उक्त कंपनी का कारोबार बढ़ता चला गया। बेरोजगार युवाओं को ठगने का एक बडा तिलिस्म न्यायधनी बिलासपुर में बनने लगा। हरि ओम ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी Hari Om Trading Pvt Ltd Company का कारोबार में बेरोजगार युवा की संख्या में इजाफा होता गया।

संचालक को लगने लगा कि उनका कारोबार बढ़ता जा रहा है तो उन्होंने फरवरी 2017 में व्यापार विहार एफसीआई रोड पर अपना ऑफिस स्थापित किया। बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के नाम पर उनके भविष्य को अंधकार में रखकर लोगों को ठगने का लंबा खेल खेला जाने लगा।

कुछ समय बाद इस बात की भनक बेरोजगार युवाओं के साथ-साथ पुलिस को भी लग गई। जिसकी वजह से 15 अप्रैल 2017 को हरि ओम ट्रेडिंग के तत्कालीन संचालक व अन्य के खिलाफ प्रथम एफआईआर दर्ज की गई। इसमें मुख्य आरोपी संत कुमार, धनंजय कुमार यादव, अनिल राम, मनोज कुमार, नानूराम, शत्रुघन कुमार, अमरेश कुमार, चेतन हांडा, संजीव छिब्बर, धर्मेंद्र सिंह, सहित कुल 10 लोगों को बनाया गया था।

इनामी धन परिचालन स्कीम पाबंदी अधिनियम की धारा 3, 4, 5, 6, 420, 34 के तहत कार्रवाई की गई थी। इसमें संस्था से 2 लैपटॉप (आईबॉल कंपनी) 1 लैपटॉप (डेल कंपनी) 2 टेबलेट (सैमसंग कंपनी) नगद एक लाख चालिश हजार रुपए व कॉस्मेटिक सामग्री जब्त किए गए थे।

प्रकरण में चेतन हांडा, संजीव छिब्बर, धर्मेंद्र सिंह अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के आदेश पर आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस दिल्ली भी गई थी ,परंतु सफलता हाथ नहीं लग पाई। हरि ओम ट्रेडिंग Hari Om Trading के तत्कालीन संचालक व अन्य के खिलाफ दूसरी एफआईआर 29 दिसंबर 2017 को की गई थी।

इसमें मुख्य आरोपी प्रमोद विश्वकर्मा, धनंजय, राजेश गुप्ता ,राजेश वैशव , पिंटू कुमार, सहित कुल 6 लोगों को बनाया गया था। आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 294, 506, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। इस प्रकरण में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

थाना सिरगिट्टी में नहीं है इनका मुसाफिर रिकार्ड दर्ज

ग्लेज संस्था से मान्यता प्राप्त मित्रा इंटरप्राइजेज वर्तमान में थाना सिरगिट्टी परिक्षेत्र के अंतर्गत संचालित हो रहा है। उक्त संस्था में लगभग 2000 युवा कार्यरत हैं। जो नगर पंचायत सिरगिट्टी के विभिन्न वार्डों में किराए के मकान पर रहकर संस्था में कार्य कर रहे हैं।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार संस्था में कार्यरत लोगों का मुसाफिर रिकॉर्ड थाना सिरगिट्टी पर दर्ज नहीं है, जबकि नियमत: बाहर से आए इन लोगों का थाने में मुसाफिर रिकॉर्ड दर्ज किया जाना था, ताकि इन लोगों पर निगरानी रखी जा सके।

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