रायपुर/नवप्रदेश। Letter to PMO : छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी प्रारम्भ होने वाली है है। वहीं केंद्र सरकार ने उसना चावल लेने से साफ़ इंकार कर दिया है। इसके बाद से ही केंद्र और राज्य सरकार के बीच तलवारें खींचती नजर आ रही है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर उसना चावल पर लगे प्रतिबंध हटाने गुहार लगा चुके हैं। इस पर केंद्र सरकार से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया।
इस बीच प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ मंत्रिमण्डल के मुलाकात के लिए मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर तिथि एवं समय निर्धारित करने का अनुरोध किया है। दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रिमण्डल के सभी सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें राज्य के किसानों और उसना मिल मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री से मिलने का मांगा समय
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय (Letter to PMO) को भेजे अपने पत्र में उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यगण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रूबरू भेंटकर धान उपार्जन से संबंधित विषयों पर चर्चा एवं अनुरोध करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिव से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों की प्रधानमंत्री से भेंट के लिए तिथि एवं समय का निर्धारण करने का अनुरोध किया है।
पूर्ववत उसना चावल लें केंद्र सरकार
मुख्य सचिव जैन ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि भारत सरकार की विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना के तहत छत्तीसगढ़ प्रदेश में खाद्य विभाग भारत सरकार के साथ हुए एमओयू अंतर्गत खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जाती है। वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में खाद्य विभाग भारत सरकार से प्राप्त निर्देश के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश में केन्द्रीय पूल अंतर्गत शतप्रतिशत अरवा चावल (61.65 लाख मीटरिक टन) उपार्जन किए जाने का निर्देश प्राप्त हुआ है, जबकि विगत वर्षों में राज्य से उसना चावल भी लिया जाता रहा है।
किसानों को हो रही परेशानी
उन्होंने लिखा है (Letter to PMO) कि खाद्य मंत्रालय भारत सरकार के उक्त निर्देश से राज्य में स्थापित 416 उसना मिलों के संचालन एवं उनमें कार्यरत मजदूरों के जीवन यापन में कठिनाई होगी। इसके साथ ही राज्य के कृषकों द्वारा उत्पादित ऐसा धान जिससे केवल उसना चावल बन सकता है, के निराकरण में भी कठिनाई सम्भावित है। मुख्य सचिव ने लिखा है कि धान उपार्जन के लिए जूट कमिश्नर से बारदानों की पर्याप्त आपूर्ति भी समय से नहीं हो पा रही है।