-राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल पूरे हो रहे हैं
-विचारकों, शिक्षाविदों और शिक्षकों ने इसे एक मिशन को आगे बढ़ाया
नई दिल्ली। New National Education Policy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी सह कन्वेंशन सेंटर कॉम्प्लेक्स यानी ‘भारत मंडपम’ में अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने ‘पीएम श्री योजना’ के तहत स्कूलों के लिए फंड की पहली किस्त भी जारी की।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि पहला शिक्षा कार्यक्रम भारत मंडपम में हो रहा है। देश को सफल बनाने और देश के भविष्य को आकार देने की सबसे अधिक शक्ति शिक्षा में है। आज इक्कीसवीं सदी में भारत जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उनमें हमारी शिक्षा प्रणाली भी बहुत महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने कहा, आप सभी इस प्रणाली के प्रतिनिधि हैं, इसलिए अखिल भारतीय शिक्षा परिषद का हिस्सा बनना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण अवसर है। सीखने के लिए चर्चा की आवश्यकता होती है, संचार आवश्यक है। अखिल भारतीय शिक्षा के इस सत्र के माध्यम से परिषद, आइए हम चर्चा और चिंतन की अपनी परंपरा को आगे बढ़ाएं। खुशी की बात है कि भारत मंडपम के औपचारिक उद्घाटन के बाद यह पहला कार्यक्रम है। खुशी और भी बढ़ गई है क्योंकि पहला कार्यक्रम शिक्षा से संबंधित है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘काशी के रुद्राक्ष से आधुनिक भारत मंडप तक अखिल भारतीय शिक्षा परिषद की इस यात्रा में एक संदेश भी छिपा है। ये संदेश प्राचीनता और आधुनिकता का संगम है। एक तरफ हमारी शिक्षा व्यवस्था जहां हम भारत की प्राचीन परंपरा का पालन करने में सहज हैं, वहीं दूसरी ओर आधुनिक विज्ञान और हाईटेक तकनीक के क्षेत्र में भी हम उतनी ही तेजी से प्रगति कर रहे हैं।