रायपुर/नवप्रदेश। Central Pool : छत्तीसगढ़ से केंद्रीय पुल में लिए जाने वाले चावल का कोटा केंद्र सरकार नेफ बढ़ा दिया है। इसके लिए बीती मंगलवार को केंद्रीय खाद्य सचिव ने राज्य सरकार को आदेश पत्र भेजा है। हालांकि इसमें प्रदेश से केवल अरवा चावल लेने की बात कही गई है और उसना चावल लेने से केंद्र सरकार ने मना कर दिया है।
उसना चावल की मनाही के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर दोयम दर्जा अपनाने का आरोप लगाया है। साथ ही अरवा और उसना दोनों चावल लेने पत्र लिखने की बात भी कही।
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ दिया जाने वाली सहायता को केंद्र सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। केंद्र अब इसे धान खरीदी का बोनस न मानकर राज्य सरकार के द्वारा किसानों को उनके उपज (Central Pool) में होने वाली नुकसान की भरपाई माना है।
केंद्र सरकार ने खरीफ वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार से केंद्रीय पुल में लिए जाने वाले चावल का कोटा बढ़ाकर 61.65 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। केंद्र सरकार ने पिछले साल खरीदे गए धान के बराबर चावल लेने का अपनी स्वीकृति दी है। केंद्र इतना चावल खरीदने की मंजूरी देने के साथ ही राज्य सरकार से कहा है कि केंद्रीय पुल में केवल अरवा चावल ही लिया जाएगा, उसना चावल नहीं लिया जाएगा।
राज्य सरकार के द्वारा इस बार चावल के कोटा में केंद्र कटौती कटौती न करे इसे लेकर पूरी तैयारी की गई थी। साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा धान खरीदी की तैयारी शुरू करने के साथ ही वर्ष 2021-22 के लिए कस्टम मिलिंग के तहत अधिक से अधिक अरवा और उसना चावल लेने का अनुरोध किया गया था। बावजूद इसके केंद्र सरकार ने केवल अरवा को ही अनुमति दी है,जिससे राज्य सरकार खफा है।
केंद्र ने बढ़ाई राज्य की दिक्क्त
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल जो सहमति दी थी उतना चावल नहीं लिया। वहीं इस साल क्वालिटी कंट्रोल के नियम को सख्त करते हुए अरवा चावल का कोटा बढ़ाए जाने की बात तो की लेकिन छत्तीसगढ़ से उसना चावल लेने की पूरी तरह से मनाही कर दिया है। ऐसे में प्रदेश में जो उसना राइस मील है उनके लिए केंद्र सरकार ने दिक्कतें बढ़ा दी हैं।
सरकार का निर्णय अहितकर – CM भूपेश
CM बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान हाइब्रिड उसना चावल की पैदावार सबसे ज्यादा करते हैं। अब केंद्र द्वारा उसना चावल नहीं खरीदे जाने से किसानों और राइस मिलरों दोनों को ही काफी नुकसान होगा। एक तरफ केंद्र सरकार उसना राइस मिल को बढ़ावा देने की बात कह रही है वहीं उसना राइस मिल लगाने के बाद उनके चावल को नहीं खरीदना, उत्पादन रोका जाना ही माना जाएगा। केंद्र सरकार (Central Pool) के इस निर्णय से किसान भी हतोत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि लगातार मोदी सरकार के द्वारा प्रदेश के अहित में निर्णय लिए जा रहे हैं।
केंद्र को फिर लिखेंगे पत्र
मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि प्रदेश में अरवा और उसना चावल दोनों का ही पैदावार होता है, जिसमें उसना चावल की मात्रा सबसे ज्यादा है। ऐसे में क्वालिटी कंट्रोल में भी नियंत्रण करने के कारण (Central Pool) बढ़ाए गए कोटे का विशेष कोई महत्व नहीं रह जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में जिस तरह से उसना और अरवा दोनों ही चावल केंद्र सरकार खरीदती थी, अब भी वही निर्णय उनको लेना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से पत्र मिला है लेकिन अब फिर हमें उसना चावल के लिए मांग करनी होगी, CM बघेल केंद्र सरकार को फिर पत्र लिखंगे।
धान खरीदी की तैयारी शुरू
कोरोना के चलते पिछले साल धान खरीदी में देरी हुई लेकिन राज्य सरकार ने इस साल धान के बंफर उत्पादन को देखते हुए 15 नवंबर से खरीदी करने पर विचार कर रही है। सरकार ने धान खरीदी के लिए बारदाने की जरूरत के अनुसार व्यवस्था करने के आदेश जिला कलेक्टरों को दिया है। समिति स्तर पर और पीडीएस के बारदानों को सुरक्षित रखने के आदेश भी दिए गए हैं।