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घायल और मृतक के परिजनों से की बातचीत, फोटोग्राफी करने पर किया इन्कार, मिडिया से बनाई दूरी
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सीआरपीएफ के सौ जवान सुरक्षा के मद्देनजर सुबह चार बजे ही निकल गए थे, डीआरजी के साथ पहुंची टीम ने लिए बयान
राजेश झाड़ी
बीजापुर । बीजापुर bijapur के एड़समेटा Adasmeta गांव में छह साल पहले हुए कथित मुठभेड़ Encounter की जांच करने सीबीआई CBI टीम शुक्रवार को 15 किमी पैदल चलकर संबंधित गांव में पहुंची। गुरुवार को टीम को सुरक्षा कारणों से पुलिस ने जाने से रोक दिया था। शुक्रवार को सीबीआई टीम को रवाना करने से पहले सीआरपीएफ के सौ जवान रोड आपनिंग के लिए निकले। सीबीआइ टीम बीजापुर से गंगालूर तक डीआरजी जवानों की टुकड़ी के साथ बाइक से पहुंची।
वहां से एड़समेटा Adasmeta तक पैदल चलकर शाम चार बजे पहुंची। करीब एक घंटे तक गांव में रही। घटनास्थल देखा। ग्रामीणों की बात सुनी। लेकिन बयान दर्ज नहीं किया। वहीं एक पत्र देकर कहा कि जिसे बयान देना हो, वह अगस्त महीने में गंगालूर आए। वहीं बयान दर्ज किया जाएगा।
शाम करीब पांच बजे टीम वहां से रवाना हो गई। 17 मई 2013 की रात एड़समेटा Adasmeta में कथित रूप से हुई मुठभेड़ में नौ ग्रामीणों व एक सीआरपीएफ CRPF जवान की मौत हुई थी। इनमें तीन नाबालिग थे। वहीं 11 ग्रामीण घायल हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई की टीम पीडि़तों का बयान लेने को पहुंची है।
बुधवार को सीबीआई CBI की सीनियर अधिकारी सारिका जैन के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम बीजापुर पहुंची। गुरुवार को कलेक्टोरेट में घटना से जुड़े दस्तावेजों का अध्ययन करती रही। एड़समेटा में टीम के पहुंचने की सूचना पर सुबह से जुटे ग्रामीण निराश और नाराज होकर लौट गए थे। शुक्रवार को जब सीबीआई की टीम पहुंची तब डीआरजी व सीआरपीएफ के जवानों ने गांव को चारों तरफ से घेरे रखा था।
छिपकर वीडियो बना रहे जवान को पकड़ा
सीबीआइ CBI टीम की लीडर सारिका जैन से बातचीत के दौरान अपने बीच ग्रामीण वेशभूषा में बैठे एक व्यक्ति द्वारा मोबाइल पर वीडियो बनाते देख ग्रामीणों को उसके नक्सली होने का शक हुआ। इस पर महिलाओं ने उसे दबोच लिया। पूछने पर पहले उसने खुद को पत्रकार बताया। बात में पता चला कि वह फोर्स का व्यक्ति है। इससे वे ग्रामीण भड़क गए। ऐसे में सारिका जैन ने हालात को संभालते हुए ग्रामीणों से निवेदन करते हुए उसे माफ कर देने को कहा। उस जवान पर आगे क्या कार्रवाई होगी, उसे लेकर सीबीआई क्या रिपोर्ट देगी, यह बाद में पता चलेगा।
चप्पे-चप्पे पर हुई विस्फोटक की खोज
सीबीआई CBI टीम को ले जाने वाले रास्ते की जांच के लिए सुबह सीआरपीएफCRPF के करीब 100 जवान भेजे गए, जो रास्ते में चप्पे-चप्पे पर विस्फोटक की जांच करते रहे। साढ़े दस बजे बाइक से निकली डीआरजी की टुकड़ी के साथ टीम निकली।
नए रास्ते से लेकर गए
एड़समेटा Adasmeta जाने के लिए दो रास्ते हैं लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर सीबीआई की टीम को तीसरे रास्ते से पैदल लेकर निकला गया। रास्ते में तीन पहाड़ भी पड़ते हैं, जिन्हें पार कर काफी कठिनाइयों के बाद टीम वहां पहुंची। ,,