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काबुल में भागम भाग का माहौल, फायरिंग के बीच देश छोड़ने के लिए विमान में उमड़ी भीड़

The atmosphere of Bhagam part in Kabul, the crowd gathered in the plane to leave the country amid the firing

Kabul Firing

काबुल। Kabul Firing : काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अमेरिकी सैनिकों को चेतावनी देने के लिए हवा में गोली चलाने के मजबूर होना पड़ा। तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद हताश नागरिक जल्द से जल्द उड़ान भरना चाह रहे हैं। एक अधिकारी ने एक वैश्विक समाचार एजेंसी को यह जानकारी दी। अधिकारी के हवाले से कहा गया, “भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई है। फायरिंग केवल अराजकता को शांत करने के लिए की गई थी।”

सोशल मीडिया पर कई वीडियो में गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि लोग विमान के चारो और से इसमें चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।अमेरिकी सैनिक हवाई अड्डे पर प्रभारी हैं, जहां वे कथित तौर पर सैन्य उड़ानों में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को निकालने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

अमेरिका ने पहले कहा था कि उसने अपने दूतावास के सभी कर्मचारियों को हवाई अड्डे पर भेज दिया है।काबुल हवाई अड्डे पर अराजकता और भ्रम की स्थिति है क्योंकि हजारों अफगान देश छोड़कर जाना चाहते हैं।

हवाई फायरिंग (Kabul Firing) के कारण लोगों में दहशत का महल है। लोग अपने चुनिंदा सामानों क्लो लेकर हवाई अड्डे की ओर दौड़ते भागते नजर आ रहे हैं। ये पूरा मंजर सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हो रहा है। लोगों के हवाई अड्डे के रनवे पर दौड़ने और उड़ानों में चढ़ने की कोशिश करने के कई वीडियो सामने आए हैं।

ऐसी खबरें हैं कि राजनयिक कर्मचारियों को देश से बाहर ले जाने वाली अमेरिकी उड़ानों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे लोगों में आक्रोश है और अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है।

अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीयों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी और इस दौरान अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। इस बीच फायरिंग की भी खबर है, जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हुई है।

अफगान में फंसे भारतीय

अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीयों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी और इस दौरान अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। इस बीच फायरिंग में कम से कम 5 लोगों की मौत हुई है। अफगान के हालात को देखते हुए भारत आने वाली और भारत से काबुल जाने वाली उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। ऐसे में अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीयों को निराशा हाथ लगी है।

भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया भर के कई देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने में जुटे हैं। लेकिन अब एयरपोर्ट बंद होने और उड़ानें ठप होने के चलते भारत समेत इन तमाम देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

काबुल में दूतावासों, विदेशी नागरिकों को कोई खतरा नहीं – तालिबान

काबुल पर नियंत्रण स्थापित करने के बाद तालिबान आतंकी समूह के प्रवक्ता से मिली जानकारी के मुताबिक अफगान राजधानी में दूतावासों, राजनयिक मिशनों और विदेशी नागरिकों के लिए कोई खतरा नहीं है। साथ ही तालिबान ने कहा कि वह पूरे देश में सुरक्षा बनाए रखेगा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रविवार शाम दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद नईम के हवाले से कहा, “हम काबुल में सभी दूतावासों, राजनयिक मिशनों, संस्थानों और विदेशी नागरिकों के आवासों को आश्वस्त करते हैं कि उन्हें कोई खतरा नहीं है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि तालिबान आंदोलन की ताकतों को काबुल और देश के अन्य शहरों में सुरक्षा बनाए रखने का काम सौंपा गया है।

यह घोषणा तब हुई जब हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा देश से बाहर जाने वाली उड़ानों का इंतजार कर रहे दसियों यात्रियों से खचाखच भरा हुआ था लेकिन उन्हें कोई विमान नहीं मिला और वे अभी भी वहीं फंसे हुए हैं।

प्रांतीय राजधानी शहरों पर कब्जा (Kabul Firing) करने के बाद, तालिबान ने रविवार की सुबह हर तरफ से काबुल में प्रवेश करना शुरू कर दिया। हालांकि तालिबान ने पहले कहा था कि अफगान राजधानी में सैन्य रूप से प्रवेश करने की कोई योजना नहीं है।

अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने करीबी सहयोगियों और प्रथम महिला के साथ ताजिकिस्तान के लिए काबुल से रवाना हुए, तालिबानी राष्ट्रपति भवन में भी प्रवेश करने में कामयाब रहे।सूत्र बताते हैं कि गनी के भागने के बाद पैदा हुई शक्ति शून्य से बचने के लिए, राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला, पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और हिज्ब-ए-इस्लामी के प्रमुख गुलबदीन हिकमतयार ने एक साथ आकर एक अस्थायी परिषद का गठन किया।

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