रायपुर/नवप्रदेश। Textbook : 5वीं की किताब में साधु को कपटी बताने वाले ‘चमत्कार पाठ” का मुद्दा तूल पकड़ गया है। कांग्रेस की तरफ से इस मामले में बीजेपी को घेरा तो वहीं शंकराचार्य ने इस मामले में पाठ्यक्रम में इस पाठ को शामिल करने की इजाजत देने वाली कमेटी पर कार्रवाई की मांग की है।
शंकराचार्य ने भरी सभा में फाड़ा चमत्कार पाठ का पन्ना
ज्योतिष्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शुक्रवार (Textbook) को मीडिया से बातचीत में कहा कि इस पाठ को तत्काल किताब से हटाया जाना चाहिये और साथ ही इस पाठ को शामिल करने की इजाजत देने वाली कमेटी के सदस्यों पर मामला दर्ज होना चाहिये। राज्य सरकार द्वारा जारी कक्षा 5 वी की पुस्तक में चमत्कार नाम से लिखे पाठ में ठगी को लेकर जो बातें लिखे गए बातों पर विरोध व्यक्त करते हुए ज्योतिष्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी पुस्तक के पन्नो को सभा मे भी फाड़ते हुए इसका विरोध करते कि बात कही।
शंकराचार्य ने कहा कि यह एक नियोजित तरीके से छोटे बच्चों के मन मे साधुओं के प्रति विरोध व जल्ट धरना भरी जा रही है, उन्होंने कहा कि ठग साधु स्वमी भेष में ही नही कई रूप में आते है, उसका क्यो उल्लेख नही किया गया। ये गलत है। पुस्तक में लिखे पाठ को हटाने की मांग करते हुए कार्यवाही करने की भी मांग शंकराचार्य द्वारा कही गई है।
लेखक ने भी जताया आपत्ति
इधर इस पाठ के लेखक डा. जाकिर अली रजनीश भी इस मामले में आपत्ति जताने वाले हैं। रजनीश ने दावा किया है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने उनकी अनुमति के बिना ही वर्ष 2010 मेें इस पाठ को प्रकाशित कर दिया है। हालांकि ये बात अलग है कि ऐसे पाठ्यक्रम के निर्धारण में SCERT की भूमिका प्रत्यक्ष तौर पर होती ही नहीं है। पाठ्यक्रम का किसी भी विषय वस्तु को हिस्सा बनाने से पहले उसका निर्धारण स्टेट लेवल पर विषय विशेषज्ञों की कमेटी करती है। ऐसे में पूरे प्रकरण में SCERT पर प्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधने को लेकर कई जानकार हैरानी जता रहे हैं। अभी SCERT के डायरेक्टर राजेश राणा ट्रेनिंग के सिलसिले में मसूरी में हैं।
वहीं इस मामले में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि कक्षा 5 वीं की पुस्तक में शामिल पाठ चमत्कार के संबंध में भाजपा और संघ के द्वारा की जा रही आपत्ति भाजपा की अवसरवादिता है। यदि भाजपा और संघ को लगता है कि उक्त पुस्तक और उसमें उल्लेखित पाठ गलत है तो इसकी जिम्मेदारी भी भाजपा स्वीकार करें। भाजपा की सरकार के समय पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था उस समय भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल शिक्षा मंत्री थे।
इसलिए इतना विवाद
दरअसल किताब के पात्र परिचय में साधु की तस्वीर का संघ के अनुषांगिक संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने विरोध किया था। इसके बाद कांग्रेस संगठन और सरकार ने संघ और भाजपा पर निशाना साधा है। हालांकि शिक्षा मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि ये पात्र काल्पनिक हैं, जिसका उद्देश्य सिर्फ कपट से बच्चों को सावधान करना है। इसमें किसी की आस्था को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य का सवाल ही नहीं है।
आरोप है कि छत्तीसगढ़ में कक्षा पांचवीं के नौनिहालों को साधु-संतों के बारे में पाठ पढ़ाकर उन्हें कपटी बताया जा रहा है… हिंदी-छत्तीसगढ़ी-संस्कृत विषय की किताब के पाठ 25 में पेज क्रमांक 129 और 130 में “चमत्कार” शीर्षक से प्रस्तुत पाठ के लेखक जाकिर अली रजनीश हैं… इसमें साधु की वेशभूषा में एक कपटी व्यक्ति बताते हुए पात्र परिचय दिया गया है, इसमें पठन-पाठन के लिए भी निर्देश दिया गया है कि साधु के वेश (Textbook) में ठगों के बारे में कक्षा में चर्चा करें।