Terrorist Yasin Malik : इस धरती की जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर को जहन्नुम बनाने वाले कुख्यात आतंकवादी यासिन मलिक को नौ अलग अलग मामलों में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है साथ ही दस लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यासिन मलिक के गुनाहों का हिसाब अभी पूरा नहीं हुआ है। अभी तो उसे टेरर फंडिंग और देश के खिलाफ युद्ध का षडयंत्र रचने के आरोप में ये सजाएं दी गई है। हालांकि ये भी गंभीर आरोप है और इसमें भी फांसी की सजा दी जा सकती थी।
यदि पाकिस्तान (Terrorist Yasin Malik) में ऐसा होता तो शतिया वहां फांसी की सजा मुकरर्रर की जाती। बहरहाल उसे अभी उम्र कैद की ही सजा हुई है उसपर कश्मीरी पंडितों की और वायु सेना के अफसरों की हत्या का भी आरोप है और यह मामला अभी न्यायालय के विचाराधीन है। इस मामले में उसे फांसी की सजा हो सकती है होनी भी चाहिए क्योंकि यासिन मलिक ने पाकिस्तान से पैसे लेकर कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद की आग को हवा देने का काम किया था।
वह लगातार पाकिस्तान की यात्रा करता था और हाफीज सईज जैसे आतंकवादी से मिलता था। पाकिस्तान से मिलने वाली आर्थिक मदद के बल पर ही वह कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनाता था। उसके गुनाहों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। अभी तो उसे उसके किए गुनाहों की सजा मिलने की शुरूआत हुई है।
यह भी पाकिस्तान को रास नहीं आ रही है। पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और पूर्व प्रधानमंत्री ईमरान खान दोनों ने ही यासिन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई जाने पर मातम मनाया है। उन्होने यासिन मलिक की शान में कसीदे पढ़े है और भारत सरकार पर आरोप लगाया है कि वह एक निदोष व्यक्ति को सजा दे रही है।
पाकिस्तान (Terrorist Yasin Malik) की भाषा बोलते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ति ने भी यासिन मलिक को सजा दिए जाने का विरोध किया है। यासिन मलिक को सजा सुनाए जाने के बाद उसके समर्थकों ने कश्मीर में पत्थरबाजी कर अपना विरोध जताया है। ये सब खिसियानी बिल्लीयां है जो खंभा नोच रही है। यासिन मलिक पर जो और केस चल रहे है उसका भी जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए और इस खुंखार आतंकवादी को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।