Terrorist attack on Pakistani army again: पड़ौसी देश पाकिस्तान में पांच दिनों के भीतर दूसरी बार पाकिस्तानी सेना पर आतंकी हमला हुआ है। बलुचिस्तान लिब्रेशन आर्मी ने पहले एक ट्रेन को हाईजैक कर उसमें सवार लगभग दो सौ पाकिस्तानी सैनिकों को गोलियों से भून दिया था। अभी इस घटना की स्याही सूख भी नहीं पाई थी कि बीएलए ने पाकिस्तानी सेना की एक बस पर आत्मघाती हमला कर उसमें सवार 90 पाकिस्तानी सैनिकों को खत्म कर दिया। बलुचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आक्रोश अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है।
बीएलए के इन दो हमलों से पाकिस्तान में हड़कंप मच गई है। पाकिस्तान पर चीन लगातार दबाव डाल रहा है कि वह बलुचिस्तान में विद्रोह को कुचलने के लिए कड़े कदम उठाये। किन्तु पाकिस्तानी सेना के कड़े कदमों का बलुचिस्तान में अब खुलकर विरोध होने लगा है। वहां पांच दिनों के भीतर दो आंतकी हमलों से यह स्पष्ट हो गया है कि बलुचिस्तान के लोग अब आर पार की लड़ाई लडऩे का मन बना चुके हैं। यदि पाकिस्तानी सेना इस विद्रोह को कुचलने की कोशिश करेगी तो बलुचिस्तान लिब्रेशनआर्मी इसी तरह पलटवार करेगी।
दरअसल लगभग दो करोड़ की आबादी वाले बलुचिस्तान के लोगों को बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है बलुचिस्तान में जो खनिज संपदा है उसका पाकिस्तान की सरकार भरपूर दोहन कर रही है लेकिन बलुचिस्तान के विकास के लिए कोई काम नहीं कर रही है। अब तो पाकिस्तान ने बलुचिस्तान में एक चीनी प्रोजेक्ट को भी शुरू कराया है उसका भी बलुचिस्तान के लोग विरोध कर रहे हैं। जिसके चलते चीन को यह चिंता सता रही है कि यदि बलुचिस्तान में इसी तरह हालात बिगड़ते रहे तो चीन ने जिस प्रोजेक्ट में करोड़ो डॉलर निवेश कर रखा है वह डूब जाएगा।
यही वजह है कि चीन के कहने पर पाकिस्तान के हुक्मरान बलुचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की तैनाती बढ़ाकर वहां के विद्रोह को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इसका दुष्परिणाम बीएलए के पलटवार के रूप में सामने आ रहा है। बलुचिस्तान के लोग अब पाकिस्तान से आजादी की मांग भी करने लगे हैं।
कुल मिलाकर इन दिनों पाकिस्तान चौरतफा मुसीबतों से घिर चुका है। तालिबान के हमले भी नहीं रूक रहे हैं और इधर पाओके में भी आजादी की मांग को लेकर वहां के लोग पाकिस्तान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं और अब बलुचिस्तान में भी बगावत की आंधी उठ रही है। यही नहीं बल्कि अब अमेरिका ने भी पाकिस्तान को प्रतिबंध वाले देशों की सूची में डाल दिया है। पाकिस्तान के भीतर भी आतंकी संगठनों में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है।
एक के बाद एक कई कुख्यात आतंकवादी मारे जा रहे हैं। हाल ही में हाफिज सईद के बेहद करीबी माने जाने वाले आतंकवादी अबू कताल की भी अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी।
कुल मिलाकर पाकिस्तान ने जो पाया वह काट रहा है। आतंकवादी की जिस आग उसने हवा दी थी अब वह आग पाकिस्तान को ही झुलसाने लगी है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही पटरी से उतर चुकी है पाकिस्तान में लोगों का जीना मुहाल हो गया है। अब स्थिति यह है कि पाकिस्तान को कोई भी देश मदद करने के लिए तैयार नहीं है।
ऐसी विषम स्थिति में बलुचिस्तान में उपजा विद्रोह पाकिस्तान के लिए गंभीर चुनौती के रूप में सामने है। जिससे निपट पाना पाकिस्तान के लिए कतई आसान नहीं होगा।