difficult to do business in India: अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट ने कोरोना संकट में भारत की मुश्किलें बढ़ाईं
नई दिल्ली। difficult to do business in India: व्यापार करने के लिए अनुकूल माहौल वाले देशों की सूची में भारत शीर्ष पर है। लेकिन आज भी अमेरिकी कारोबारियों को भारत में कारोबार करना मुश्किल लगता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने एक नई रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया है। भारत व्यापार करने के लिए एक कठिन देश है। अमेरिकी सरकार ने एक रिपोर्ट में कहा कि सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए देश को अतिरिक्त आर्थिक सुधारों की जरूरत है।
भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता है। हालांकि निजी क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ज्यादा नहीं बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के पहले दो वर्षों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में काफी वृद्धि हुई थी। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में विकास दर बहुत कम रही है।
अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट ( difficult to do business in India) को भारत के लिए झटका माना जा रहा है। पहले से ही कोरोना संकट ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसमें अमेरिका ने अब भारत को औद्योगिक मित्र देश नहीं होने के लिए आलोचना की है। इसलिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की प्रबल संभावना है।
मोदी सरकार ने चीन के साथ व्यापार से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 2018 में आयात शुल्क बढ़ाया था। अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में इसका जिक्र है। भारत के असली इरादे जो भी हों इस बढ़ोतरी ने घरेलू उद्योग और विदेशी निवेश दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया है। भारत ने नए निवेश और मौजूदा निवेश के विस्तार को रद्द कर दिया।
विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में एक व्यापार विवाद को सुलझाने में औसतन चार साल लगते हैं। यह समय बहुत लंबा है। इस लिहाज से भारत दुनिया में नीचे से ऊपर तक तीसरे स्थान पर है। भारतीय अदालतों में स्टाफ की कमी है। ऐसे में कई मुकदमे लंबित हैं। इनसे निपटने के लिए कोई तंत्र नहीं है। इसलिए विदेशी निवेशकों के लिए भारत में जाकर व्यापार करना मुश्किल है।