सरकार पुजारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। उज्जैन गुरुकुल से दीक्षा प्राप्त होना अनिवार्य होगा। पहली फेज में 5000 से ज्यादा पदों पर नियुक्ति की तैयारी है।
भोपाल, 15 जुलाई। Temple Priest Recruitment : सिंहस्थ-2028 की तैयारियों के साथ अब मप्र सरकार धार्मिक स्थलों को व्यवस्थित और सेवा-संपन्न बनाने की दिशा में सक्रिय हो गई है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने राज्यभर के शासन अधीन, ट्रस्ट संचालित व कलेक्टर प्रशासित मंदिरों में रिक्त पुजारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रारंभिक चरण में 5000 से अधिक पुजारियों की नियुक्ति का लक्ष्य तय किया गया है। खास बात यह है कि केवल उज्जैन स्थित गुरुकुल से दीक्षा प्राप्त पुजारियों को ही पात्र माना (Temple Priest Recruitment)जाएगा। यह नियुक्तियां एसडीएम स्तर पर की जाएंगी, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
विभाग द्वारा मंदिरों की स्थिति, संपत्ति, पुजारी की नियुक्ति स्थिति, अतिक्रमण और कोर्ट केस की जानकारी जिलों से मांगी गई (Temple Priest Recruitment)है। उदाहरण के तौर पर, खंडवा में 249 मंदिर चिन्हित किए गए हैं, जिनमें 97 में पुजारी नहीं हैं। वहीं ओंकारेश्वर में 32 मंदिरों में से 19 में पुजारी नियुक्त किए जाने हैं।
ध्यान देने योग्य यह भी है कि सरकार इन पुजारियों को मासिक मानदेय बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिससे उन्हें आर्थिक स्थायित्व मिल (Temple Priest Recruitment)सके। इसके लिए धार्मिक न्यास विभाग द्वारा 20 हजार से ज्यादा पंजीकृत मंदिरों का ब्योरा जुटाया जा चुका है।