TB Control : टीबी पर नियंत्रण का उद्देश्य लेकर देवरी पहुंचा सर्वे दल, बलगम संग्रह के लिए दिया डिब्बा

TB Control : टीबी पर नियंत्रण का उद्देश्य लेकर देवरी पहुंचा सर्वे दल, बलगम संग्रह के लिए दिया डिब्बा

TB Control,

दुर्ग, नवप्रदेश। टीबी (क्षय) रोग पर नियंत्रण के उद्देश्य से जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में सघन सर्वे अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत टीबी के संभावित मरीज को चिन्हित (TB Control) करने के लिए सभी आयु वर्ग के लोगों की जांच की जा रही है।

रोग की पुष्टि होने की स्थिति में नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में पीड़ित का उपचार भी शुरू कराया जाएगा। इस पूरे कार्यक्रम की सफलता के लिए टीबी चैंपियन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन की भी विशेष सहायता (TB Control) ली जा रही है।

सघन टीबी खोज अभियान के रूप में सकारात्मक पहल की यह कड़ी जिले के धमधा विकासखंड के ग्राम देवरी भी पहुंची। यहां सरपंच पिंकी यादव के साथ टीबी चैंपियन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन की टीम उन घरों तक पहुंची, जहां संभावित टीबी रोग के लक्षण से ग्रसित लोग चिन्हित किए गए हैं।

ऐसे लोगों को बलगम के सैंपल संग्रहण के लिए डिब्बा (TB Control) दिया गया है। जिले को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार जनजागरुकता भी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में जेल, खदान, आश्रय गृह व अन्य संवेदनशील जगहों के साथ ही गांव तथा शहर की विशेषकर मलिन बस्तियों में टीबी रोगी के चिन्हांकन के लिए सघन सर्वे किया जा रहा है।

टीबी चैंपियन राजेश कुमार देशलहरे ने बतायाः टीबी रोग से बचाव हेतु समुदाय के बीच टीबी रोग के कारण, लक्षण तथा इससे बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार किया जा रहा है। साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के माध्यम से उन घरों तक पहुंच रहे हैं, जहां पूर्व में टीबी रोग से ग्रसित की पहचान की जा चुकी है तथा अब वह रोगी पूरी तरह स्वस्थ भी हो चुका है।

यह इसलिए किया जा रहा है कि जिन घरों में पहले टीबी रोग से ग्रसित को चिन्हित किया जा चुका है, वहां पर घर के अन्य सदस्यों में टीबी रोग के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसी क्रम में देवरी गांव में टीबी रोग को हरा चुके व्यक्तियों के घर जाकर टीबी के लक्षण वाले अन्य सदस्यों को जांच हेतु बलगम संग्रह के लिए डिब्बा दिया गया है।

बलगम का यह सैंपल अब जांच के लिए भेजा जाएगा। इस सर्वे टीम में प्रमुख रूप से ग्रामीण आत्मा यादव, टीबी चैंपियन लालेंद्र साहू, खुशबू साहू, मितानिन माया साहू, चमेली सेन, टीबीएचवी चंद्रशेखर तिवारी व मोण्फारुख खान शामिल थे।

इस संबंध में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. अनिल शुक्ला ने बतायाः मौखिक सर्वे में टीबी खोज के लिए परिवार के सदस्यों की जांच की जा रही है। टीबी रोग के लक्षण मिलने या टीबी रोग होने की पुष्टि होने पर पीड़ित को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भेजा जाएगा।

तीस वर्ष से अधिक उम्र के सदस्यों की मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच भी टीम द्वारा की जा रही है। टीबी मरीजों का उपचार सभी शासकीय चिकित्सालयों व स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क किया जाता है। उपचार की अवधि 6 से 9 माह तक की रहती है।

टीबी रोग से निजात पाने के लिए टीबी रोग से ग्रसित को उपचार के अंतर्गत नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन करने के लिए दवाइयां दी जाती है। दवाइयों के नियमित सेवन करने से मरीज शत-प्रतिशत टीबी बीमारी से रोगमुक्त हो सकता है।

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