Tax Officer Sexual Harassment : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर विभाग मथुरा के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा महिला अधीनस्थ के साथ कथित यौन शोषण के प्रयास के मामले में सख्त कदम उठाया है। मामले में उपायुक्त कमलेश कुमार पांडेय को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही आरोपी को बचाने के आरोप में विशाखा समिति के 6 सदस्यों को भी निलंबन झेलना पड़ा है।
प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए उपायुक्त
राज्य सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आदेश के अनुसार:- “कमलेश कुमार पांडेय पर आरोप है कि उन्होंने कई अवसरों पर अधीनस्थ महिला अधिकारी(Tax Officer Sexual Harassment) के साथ अनुचित और अनैतिक व्यवहार किया। जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सत्य पाए गए हैं।”
उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक), राज्य कर, बांदा कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
विशाखा समिति पर भी गिरा गाज
महिला अधिकारी द्वारा की गई शिकायत की जांच आंतरिक परिवाद समिति (विशाखा) को सौंपी गई थी। लेकिन जांच में यह सामने आया कि समिति ने:
निष्पक्षता से कार्य नहीं किया
आरोपित को बचाने का प्रयास किया
प्रक्रिया और जिम्मेदारियों की अवहेलना की
इस आधार पर विशाखा समिति के 6 अधिकारी भी निलंबित किए गए हैं:
कोमल छाबड़ा – सहायक आयुक्त, सचल दल इकाई-दो, मथुरा
प्रतिभा – उपायुक्त, विशेष अनुसंधान(Tax Officer Sexual Harassment) शाखा, मथुरा
पूजा गौतम – सहायक आयुक्त, राज्य कर खंड-दो, मथुरा
संजीव कुमार – उपायुक्त, राज्य कर खंड-पांच, मथुरा
सुनीता देवी – राज्य कर अधिकारी, खंड-तीन, मथुरा
वीरेन्द्र कुमार – उपायुक्त, खंड-तीन, मथुरा
अब क्या होगा?
इस पूरे मामले की विस्तृत और निष्पक्ष जांच का दायित्व विशेष सचिव (राज्य कर) कृतिका ज्योत्सना को सौंपा गया है।
सरकार ने संकेत दिए हैं कि:
मामले में आरोप सिद्ध होने पर और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
महिला कर्मचारियों की कार्यस्थल पर सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
क्यों अहम है यह मामला?
यह कार्रवाई कार्मिक जवाबदेही और लैंगिक न्याय की दृष्टि से एक मजबूत संदेश है।
विशाखा गाइडलाइन्स के तहत बनी समितियों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा हुआ है।
यह पहली बार है जब एक साथ समिति के पूरे पैनल को निलंबित किया गया है।