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”कोई कार्रवाई न करें”, जामा मस्जिद मामले में निचली अदालत को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

"Take no action", Supreme Court orders lower court in Jama Masjid case

Supreme Court on Jama Masjid Sambhal

-जामा मस्जिद संभल: उत्तर प्रदेश में जामा मस्जिद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया
-इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए निचली अदालत को अहम निर्देश दिए

नई दिल्ली। Supreme Court on Jama Masjid Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेशन कोर्ट को अहम निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने संभल शाही जामा मस्जिद कमेटी की सेशन कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए संभल सेशन कोर्ट को कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है।

संभल सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। कोर्ट ने संभल जिले में तनावपूर्ण स्थिति पर चिंता जताई। शांति और सद्भावना होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा-हम नहीं चाहते कि कुछ और हो।


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने संभल सेशन कोर्ट से कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बिना कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए। जिला प्रशासन को सभी दलों के जन प्रतिनिधियों की एक शांति समिति बनानी चाहिए। आपको पूरी तरह से तटस्थ रहना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि कुछ भी गलत न हो।

याचिकाकर्ताओं को चुनौती देने का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से यह भी पूछा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on Jama Masjid Sambhal) आने से पहले वे हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। 227 के अनुसार क्या हाई कोर्ट जाना उचित नहीं है? इसे लंबित रखना ही बेहतर होगा। चीफ जस्टिस ने यह कहते हुए कि आपको उचित कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखना चाहिए, कहा कि हम नहीं चाहते कि इस बीच कुछ भी हो। उन्हें फैसले को चुनौती देने का अधिकार है। याचिकाकर्ता धारा 227 के तहत समीक्षा याचिका दायर कर सकते हैं। कमिश्नर द्वारा मस्जिद के सर्वे वाला सर्वे लिफाफा सीलबंद रखा जाए। संभल सेशन कोर्ट ने यह भी कहा कि अगले फैसले तक इस रिपोर्ट का खुलासा न किया जाए।

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