-उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताई
नई दिल्ली। Vice President Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक आदेश पर चिंता व्यक्त की। इससे पहले 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि राष्ट्रपति को राज्यपालों द्वारा भेजे गए लंबित विधेयकों पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत ने कभी इस तरह के लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी।
पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा दी थी। इस पर उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जताई है। उपराष्ट्रपति (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं। जगदीप धनखड़ ने कहा हम ऐसी स्थिति नहीं बना सकते जहां अदालतों को राष्ट्रपति को निर्देश देना पड़े। धाधखड़ ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत न्यायालय को दी गई विशेष शक्तियां अब लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ मिसाइल बन गई हैं। इसलिए, न्यायालय और उपराष्ट्रपति के बीच एक नया विवाद उत्पन्न होने की संभावना है।