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Swachchhata Abhiyan : मेयर ने दिया आम जनता और सफाईमित्रों को जीत का श्रेय

Swachchhata Abhiyan: Mayor gave credit for victory to general public and Safai Mitras

Swachchhata Abhiyan

सफाई मित्र सुरक्षा चुनौती छत्तीसगढ़ के निकायों को मिले पुरस्कार से गदगद हुए मेयर

रायपुर/नवप्रदेश। Swachchhata Abhiyan : विभिन्न क्षेत्रों में लगातार उपलब्धियों के क्रम को जारी रखते हुए छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के मामले में भी बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। वर्ष 2019 और वर्ष 2020 के बाद लगातार तीसरी बार छत्तीसगढ़ स्वच्छता में अव्वल होने का गौरव हासिल किया है। सफई मित्र सुरक्षा चुनौती-2021 श्रेणी में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का अवार्ड का खिताब छत्तीसगढ़ के नाम रहा। वहीं विभिन्न श्रेणियों में दिए जाने वाले 239 पुरस्कारों में से सर्वाधिक 67 निकायों को पुरस्कार प्राप्त हुए।

इस उपलब्धि का श्रेय सोमवार को मेयर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे, एमआईसी सदस्य नागभूषण राव ने 70 वार्डों के 3 हजार से अधिक सफाई कर्मियों को दिया। साथ ही उन्होंने आम जनता को श्रेय देते हुए कहा कि अगर जनता गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं देती तो शायद यह उपलब्धि संभव नहीं होती।

मेयर ने लिया रायपुर को नंबर वन बनाने का संकल्प

मेयर ने रायपुर शहर को नंबर वन बनाने का संकल्प लेते हुए कहा कि अब अगले एक साल तक शहर की साफ-सफाई पर ही काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगातार तीसरी बार प्रदेश को स्वच्छ बनाए (Swachchhata Abhiyan) रखने की चुनौती को पूरा करना यूं आसान भी नहीं था, लेकिन यह हुआ और सम्मान भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपा गया। अब एक बार फिर स्वच्छता की निरंतरता को कायम रखने की बारी है, तो रैंकिंग सुधारने का भी समय है। महापौर ढ़ेबर ने सभापति और एमआइसी सदस्य और पक्ष-विपक्ष के पार्षदों की मौजूदगी में रायपुर सहित प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि देश में किसी भी मामले में अव्वल आना, बगैर प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग के संभव नहीं है। आगे और भी चुनौतियां हैं, तो अब विश्वास भी उतना ही बढ़ गया है।

गोधन न्याय योजना का प्रतिफल

मेयर ढेबर ने कहा कि गोधन न्याय योजना का नतीजा यह है कि अब यहां-वहां गाय का गोबर बिखरा हुआ नहीं दिखता है। अब गोपालक उसी गोबर से धन कमा रहे हैं। इसके अलावा गौठानों का एक बड़ा श्रेय है कि गाय का गोबर बिखरा नहीं रहता। इस योजना से एक साथ दो समस्याओं का निवारण हो गया है।

नंबर एक के पायदान पर पहुंचना लक्ष्य

महापौर ढेबर ने कहा कि 2021-22 में भी पुरस्कार जीतने का लक्ष्य है। देश के 4320 शहरों में रायपुर को 6वां स्थान मिला है, गार्बेज फ्री शहरों में रायपुर को 3 स्टार मिले हैं, स्वछता सर्वे में कुल 6 हजार अंको में 4 हजार से 800 से अधिक अंक मिले हैं, जिसे सुधारकर अब नंबर एक के पायदान को हासिल करना ही लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह हर किसी के सहयोग से पूरा होगा। निगम सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि शहर से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल का मैनेजमेंट करना अपने आप मे बड़ी चुनौती रहती है। लेकिन रायपुर में जिस तरह से वेस्ट मैटेरियल्स को रीयूज किया जा रहा है, वाकई काबिले तारीफ है। पक्ष विपक्ष के पार्षद और रायपुर वासियों सहित सभी के मेहनत का नतीजा है कि आज रायपुर नगर निगम राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित हुआ है। अंत में कहा कि रायपुर शहर को धूल, मच्छर और प्लास्टिक मुक्त करने नगर निगम चलाएगा अभियान।

स्टार कैटेगरी में 46 शहर शामिल

स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान रैंकिंग के आधार पर शहरों को तीन और पांच सितारा (3 एंड 5 स्टार कैटेगरी) श्रेणी में भी रखा गया है। इसमें छत्तीसगढ़ के दो शहर अंबिकापुर और पाटन को पांच सितारा श्रेणी में शामिल किया गया है तो वहीं 44 अन्य शहरों को 3 सितारा रैंकिंग दी गई है।

छत्तीसगढ़ ने 6-आर (6-क्र) पॉलिसी पर किया काम

स्वच्छता के लिए काम करने के दौरान छत्तीसगढ़ ने जहां स्वच्छता अभियान को नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी जैसी महत्वाकांक्षी योजना से जोड़ा तो वहीं 6-आर (6-क्र) पॉलिसी को अपनाया। छत्तीसगढ़ में 6-आर (6-क्र) पालिसी के लिए रीथिंक, रियूज, रिसाइकिल, रिपेयर, रिड्यूस और रिफ्यूज को आधार बनाकर काम किया गया। इसका परिणाम यह रहा कि अपशिष्ट बनने की मात्रा में कमी हुई और अपशिष्टों को उचित प्रबंधन हुआ। दूसरी ओर सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाए गए, जिससे ओडीएफ में भी मदद मिली। इधर गोधन न्याय योजना भी ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में सफाई के साथ आमदनी बढ़ाने में मददगार बनी।

इन श्रेणियों में मिले पुरस्कार

CM ने साढ़े तीन करोड़ लोगों को दिया श्रेय

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनता की स्वच्छता के प्रति जागरुकता और सजगता का ही परिणाम है कि लगातार तीसरे साल छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता (Swachchhata Abhiyan) का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। उन्होंने कहा, ‘मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूंगा, जिन्होंने शहरों से लेकर गांवों तक स्वच्छता की एक नयी संस्कृति का निर्माण किया है।’ छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एकमात्र प्रदेश है, जहां नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप नौ हजार से अधिक स्वच्छता दीदीयों द्वारा घर-घर से 16 सौ टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्रीकरण करते हुए वैज्ञानिक रीति से कचरे का निपटान किया जा रहा है। इसका ही परिणाम है कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को देश का प्रथम ओडीएफ प्लस-प्लस राज्य घोषित किया गया है।

बता दें कि भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रति वर्ष देश के सभी शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण कराया जाता है। इसमें आंकलन के लिए विभिन्न मापदंड निर्धारित किए गए हैं। इनमें से मुख्य रूप से घर-घर से कचरा एकत्रीकरण, कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटान, खुले में शौच मुक्त शहर, कचरा मुक्त शहर जैसी श्रेणियां शामिल हैं। इन्हीं मापदंडों के आधार पर रैंकिंग की जाती है और रैंकिंग के आधार पर शहरों और राज्यों का प्रदर्शन तय होता है।

उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले शहर और राज्य को उसकी श्रेणी के आधार पर पुरस्कृत किया जाता है। इस बार नई दिल्ली में हुए स्वच्छता पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री के साथ ही छत्तीसगढ़ की ओर से नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, विभागीय सचिव अलरमेलमंगई डी., आवासीय आयुक्त एम. गीता, स्वच्छ भारत मिशन के डायरेक्टर सौमिल रंजन चौबे समारोह में शामिल हुए।

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