GP Singh: दूसरे राज्यों में मिली सम्पत्तियों पर की जा रही है जांच
रायपुर/नवप्रदेश। GP Singh: छत्तीसगढ़ शासन के गृह मंत्रालय ने वरिष्ठ आईपीएस जीपी सिंह के नाम देर रात निलंबन का आदेश जारी कर दिया है। जिसके बाद से ही सिंह के करीबी रहे आईपीएस अधिकारीयों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्र बताते हैं कि अधिकारीयों के अलावा परिजन और निकटस्थ करीबी रहे लोग भी एसीबी के रडार पर हैं।
1 जुलाई को गुरजिंदर पाल सिंह (GP Singh) के 15 ठिकानों पर एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने छापामार कार्रवाई की थी। इस दौरान 4 दिन तक चली जांच में करीब 10 करोड़ के चल-अचल संपत्ति मिलने का दावा विभाग ने किया था। उसी दिन से कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य सरकार एडीजी जीपी सिंह को निलंबित कर सकती है और हुआ भी वही।
देर रात जारी गृह विभाग के उप सचिव मुकुंद गजभिए के अधोहस्ताक्षरीत गुरजिंदर पाल सिंह (GP Singh) के निलंबन आदेश में साफ तौर पर लिखा गया है कि उनकी ऐसी गतिविधियों में संलिप्तता एक शासकीय अधिकारी से अपेक्षित नहीं है। इसलिए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने योग्य है। साथ ही आदेश में उल्लेखित किया गया है कि गुरजिंदर पाल सिंह को तत्काल निलंबित कर इस अवधि में उन्हें पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया है। इस अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता ही होगी।
बर्खास्तगी के करीब सिंह
जांच प्रभावित न हो यही कारण से सरकार इस तरह के निलंबन का आदेश देती है। यद्दी जांच में सिंह (GP Singh) दोषी पाए गए तो उनकी बर्खास्तगी भी तय है। जाँच में यदि कुछ गंभीर मामले सिंह के खिलाफ उजगार होते हैं तो पुलिस कार्रवाई के अतिरिक्त विभागीय जांच भी किये जायेंगे। वहीँ विभिन्न कंपनियों में निवेश और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर सकती है इस दौरान जीपी सिंह की गिरफ्तारी भी सम्भव है। अब तक छत्तीसगढ़ में जीपी सिंह के अलावा मयंक श्रीवास्तव, रजनेश सिंह और मुकेश गुप्ता को सरकार ने निलंबित किया। इस तरह ये प्रदेश में आईपीएस के निलंबन का चौथा मामला है।
उल्लेखनीय है कि करीब 70 घंटों तक चले जीपी सिंह (GP Singh) के अलग-अलग ठिकानों जिसमें रायपुर, भिलाई, राजनंदगांव और ओडिशा के कुछ ठिकानों से करीब 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति का पर्दाफाश हुआ। बताया जा रहा है कि जीपी सिंह के क्रियाकलापों पर बहुत पहले से ही विभाग की नजर थी, कारण था लगातार उनके नाम से शिकायत दर्ज होना।
खंगाले जा रहे हैं दस्तावेज
सूत्रों के मुताबिक जब गुरजिंदर पाल सिंह (GP Singh) एसीबी प्रमुख थे तब उन्होंने कई लोगों को ब्लैकमेल किया और अवैध वसूली भी की। इस ब्लैक मेलिंग से प्राप्त बेशुमार संपत्ति के चलते जीपी सिंह करोड़ों के मालिक बन गए। इन्हीं सब भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्तता को देखते हुए एसीबी और ईओडब्ल्यू ने 1 जुलाई को उनके ठिकानों पर दबिश दी। जिसमें दर्जनों प्लॉट, नकद राशि, सोना, जेसीबी मशीन सहित कई अन्य गाड़ियां जब्त की गई।
इसके साथ ही 3 संवेदनशील डायरी भी मिली, हालांकि डायरी के कुछ पन्ने गायब हैं, लेकिन जो पेज है उसमे कई प्रशासनिक अधिकारी, मंत्री और कुछ नेताओं के नाम कोड वर्ड के जरिए कुछ संदिग्ध तथ्य लिखे हुए मिले। जिस पर भी जांच जारी है। जीपी सिंह के ठिकानों से मिले दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है। इसके अलावा जीपी सिंह के लॉकरों को भी खंगाला जा रहा है जिससे और अधिक संपत्ति मिलने की संभावना जताई जा रही है। जीपी सिंह के स्थित सरकारी आवास से सीसीटीवी का डीवीआर गायब है जो अभी तक पुलिस को हाथ नहीं लगी है। माना जा रहा है कि यदि डीवीआर मिल जाता है तो सिंह के खिलाफ बड़ा आपराधिक सबूत मिल सकता है।
इधर सूत्र बताते हैं कि गुरजिंदर पाल सिंह (GP Singh) एसीबी छापा के बाद अब तक सरकारी आवास से निकले भी नहीं है। घर से ही अपने वकील से खुद को बचाने फोन पर लगातार चर्चा भी कर रहे हैं। वहीं जीपी सिंह पर अभी भी पुलिस और एसीबी की टीम नजर बनाये हुए है। उनके घर आने जाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। खास तौर पर घर से निकलने वाले कचरे पर टीम की पैनी नजर है, ताकि कचरे के बहाने कोई सबूत पार न हो।