नई दिल्ली। संबंधी सरोगेसी विनियमन विधेयक, 2019 Surrogacy Regulation Bill सोमवार को लोकसभा loksabha में पेश किया गया। ‘किराये की कोख Surrogacy Regulation यानी सरोगेसी को देश में वैधानिक मान्यता देने तथा इसके लिए नियम तय करने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवद्र्धन ने इसे सदन में पेश किया। विधेयक में प्रावधान है कि संतान पैदा करने में असमर्थ विवाहित भारतीय दंपति को नैतिक सरोगेसी के इस्तेमाल की अनुमति होगी। इसमें महिला की उम्र 23 से 50 वर्ष की के बीच और पुरुष की 26 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिये। उनके विवाह को कम से कम पाँच साल बीत जाने के बाद ही वे किराये की कोख का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस विधेयक में सरोगेट माँ का शोषण रोकने और उनका तथा सरोगेट बच्चों के अधिकार तय करने का भी प्रावधान है। इसमें सरोगेसी के लिए मानव भ्रूण की बिक्री या आयात पर कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम 10 लाख रुपये के जुर्माने की व्यवस्था की गयी है। जिस महिला को सरोगेट माँ बनाया जायेगा उसका भारतीय नागरिक तथा संतान चाहने वाले दंपति का निकट संबंधी होना अनिवार्य होगा। साथ ही यह भी जरूरी किया गया है कि वह कभी न कभी शादीशुदा रही हो और उसकी अपनी संतान हो चुकी हो। उसकी उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच होना जरूरी होगा।