Supreme Power : ईडी को सुप्रीम पावर

Supreme Power : ईडी को सुप्रीम पावर

Supreme Power: Supreme Power to ED

Supreme Power

Supreme Power : सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक और ऐतिहासिक फैसले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की वैधानिकता चुनौती देने वाली लगभग २०० याचिकाओं को खारिज कर दिया है और दो टूक शब्दों में यह फैसला दे दिया है कि ईडी को समन जारी करने, तलाशी लेने और अरोपी को गिरफ्तार करने तथा संपत्ति को कुर्क करने का अधिकार है।

ईडी को सुप्रीम पावर (Supreme Power) मिल जाने से उन लोगों के मंसूबों पर घड़ो पानी फिर गया है जो ईडी की कार्यवाही को लेकर हायतौबा मचाते रहे है और ईडी के पर कतरने की दुआ करते रहे है। ऐसे ही लोगों ने सुप्रीम कोर्ट ने दरवाजा खटखटाया था और उन्हे उम्मीद थी की सुप्रीम कोर्ट से उन्हे राहत मिलेगी और वे ईडी कार्यवाही की चपेट में आने से बच पाएंगे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। इससे ईडी का हौसला और बढऩा स्वाभाविक है।

ईडी को सुप्रीम पावर मिलने के बाद अब भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों में हड़कंप मच गई है। गौरतलब है कि सत्ता में रहते हुए अनेक नेताओं ने हजारों करोड़ रूपए के घपले घोटाले किए है जिनकी अब एक के बाद एक ईडी द्वारा जांच की जा रही है। ईडी ने जितने लोगों के खिलाफ भी कार्यवाही की है सभी के पास से नोटों के अंबार मिले है और बेनामी संपत्तियों का खुलासा हुआ है।

इसपर आपत्ति जताते हुए इन भ्रष्ट नेताओं द्वारा ईडी पर निशाना जाता है और सरकार पर आरोप लगाया जाता है कि वह बदले की भावना से ईडी और सीबीआई जैसी केन्द्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है। यदि ऐसा है तो इन्हे कोर्ट की शरण में जाना चाहिए, यदि बदले की भावना से ईडी या सीबीआई किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही करती है और वह निरअपराध निकल आता है तो कोर्ट ऐसी केन्द्रीय एजेंसियों की खुद की खबर ले लेगा।

बहरहाल अब ईडी को सुप्रीम कोर्ट ने एक तरह से कार्यवाही के लिए क्लीन चीट दे दी है जिससे यह उम्मीद की जानी चाहिए कि अब ईडी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ और अधिक तेजी से कार्यवाही करेगा और भ्रष्टाचार से अर्जित की गई हजारों करोड़ों की संपत्ति को कुर्क करेगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसी सख्त कार्यवाही लंबे समय से अपेक्षित थी लेकिन जिस देश में भ्रष्टाचार को शिष्टाचार का दर्जा दे दिया गया हो वहां भ्रष्टाचारियों की नांक में नकेल डालने की कभी भी कारगर कोशिश नहीं की गई। यही वजह हे कि ऊपर से नीचे तक भ्रष्टचार का परनाला निर्बाध गति से बह रहा है।

देर आयद दुरूस्त आयद की तरह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Power) के इस निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए और ईडी से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि अब वह अधीक तेजी से भ्रष्टासूरों के खिलाफ कानून का शिकंजा कसने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed