Supreme Court Verdict : पानीपत में स्थानीय प्रशासन ने मोहित मलिक को गुरुवार को सरपंच पद की शपथ दिलाई, जो देश में ईवीएम से हुई मतगणना के आधार पर जीतने वाले पहले सरपंच माने जा रहे हैं। यह मामला दो वर्ष 10 महीने पुराने ग्राम पंचायत चुनाव से जुड़ा है और इसे लोकतंत्र में तकनीकी न्याय का नया अध्याय कहा जा रहा है।
2 नवंबर 2022 को हुए चुनाव में एक प्रशासनिक गड़बड़ी के कारण दो प्रत्याशियों के मत गलत रिकॉर्ड हो गए थे। कुलदीप और मोहित के वोट उलट-पुलट हो गए, जिसके कारण शुरुआत में कुलदीप को विजेता घोषित किया गया। रिटर्निंग अधिकारी(Supreme Court Verdict) द्वारा परिणाम संशोधित करने के बाद भी कुलदीप ने हार मानने से इनकार कर दिया।
मोहित ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सात जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय के निगरानी में पुनर्मतगणना कराई गई। पूरी प्रक्रिया का वीडियोग्राफी रिकॉर्ड रखा गया। पुनर्मतगणना के बाद मोहित को 1051 वोट और कुलदीप को 1000 वोट मिले। 11 अगस्त को तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मोहित को विजयी घोषित किया और जिला प्रशासन को शपथ दिलाने का आदेश दिया।
बीडीपीओ कार्यालय में शपथ ग्रहण के दौरान ग्रामीणों ने सरपंच को फूलमाला पहनाकर और मिठाई बांटकर बधाई दी। महिलाओं ने तिलक कर स्वागत(Supreme Court Verdict) किया। मोहित मलिक की जीत ने लोकतंत्र में ईवीएम की पारदर्शिता और न्यायिक निगरानी की अहमियत को नई पहचान दी है।