Supreme Court TET Ruling : देशभर के प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने साफ कर दिया है कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को दो साल के भीतर शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करनी होगी, अन्यथा उनकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।
सभी शिक्षकों पर समान नियम लागू
यह आदेश उन शिक्षकों पर भी लागू होगा जिनकी नियुक्ति शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून लागू होने से पहले हुई थी। कोर्ट ने कहा कि आरटीई की धारा 2(एन) के प्रावधानों के मुताबिक देश के सभी स्कूलों में यह नियम समान रूप से लागू होगा।
5 साल से कम सेवा शेष वालों को राहत
कोर्ट ने माना कि कई शिक्षक तीन से चार दशक से सेवा दे रहे हैं और बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। ऐसे मामलों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने कहा कि जिनकी सेवानिवृत्ति में 5 साल से कम का समय बचा है, उन्हें टीईटी पास किए बिना नौकरी से नहीं हटाया जाएगा।
लेकिन यदि उनकी प्रोन्नति (Promotion) होनी है, तो टीईटी पास करना अनिवार्य होगा।
5 साल से ज्यादा नौकरी शेष वालों के लिए सख्ती
जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में 5 साल से अधिक का समय बाकी है, उन्हें अगले दो साल में टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति हो जाएगी। हालांकि उन्हें सेवानिवृत्ति लाभ (Pension, Gratuity आदि) मिलेंगे।
प्रमोशन और नई नियुक्ति के लिए भी जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन उम्मीदवारों की नियुक्ति या प्रोन्नति बाकी है, उनके लिए भी टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। बिना टीईटी पास किए किसी की नियुक्ति या पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा।
शिक्षक समाज के लिए संदेश
कोर्ट ने अपने 110 पन्नों के आदेश में लिखा कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। अदालत का मानना है कि शिक्षा का स्तर मजबूत करने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना जरूरी है।