Supreme Court Stay Demolition : महरौली स्थित आशिक़ अल्लाह दरगाह और सूफी संत बाबा शेख फ़रीदुद्दीन की चिल्लागाह पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाया है। अदालत ने साफ किया है कि इन ऐतिहासिक ढांचों पर न तो कोई नया निर्माण होगा और न ही तोड़फोड़ की जाएगी।
अदालत ने DDA से किया सवाल
सुनवाई के दौरान जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने डीडीए से पूछा – “आप इसे तोड़ना क्यों चाहते हैं?”
इस पर डीडीए ने कहा कि यह इलाका वन क्षेत्र में आता है और हमें दरगाह के पास हुए अतिरिक्त निर्माण से आपत्ति है।
ASI की रिपोर्ट का हवाला
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इस दरगाह को 12वीं सदी का स्मारक माना है। ऐसे में यह संरचना केवल धार्मिक महत्व की नहीं, बल्कि ऐतिहासिक(Supreme Court Stay Demolition) धरोहर भी है। उनका कहना था कि यहां कोई अवैध निर्माण नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश
अदालत ने कहा कि जब तक अंतिम सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, दरगाह और चिल्लागाह की मौजूदा स्थिति जस की तस बनी रहेगी। इसका सीधा मतलब है कि फिलहाल इन संरचनाओं को किसी भी तरह की तोड़फोड़ या बदलाव से सुरक्षा(Supreme Court Stay Demolition) मिल गई है।