Supreme Court slammed Tahir Hussain’s bail plea: जब राजनीतिक दलों के लिए दाग अच्छे हैं तो दागियों को चुनाव लडऩे और जीतने से भला कौन रोक सकता है? प्रावधान ही ऐसा है कि जेल में बंद आरोपी मतदान नहीं कर सकता लेकिन चुनाव लड़ सकता है।
दिल्ली दंगे का आरोपी ताहिर हुसैन जो आम आदमी पार्टी का पार्षद था उसे ओवैसी ने विधायक पद का प्रत्याशी बनाया है। उसने चुनाव लडऩे जमानत की याचिका लगाई तो सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाई कि ऐसे लोगों को चुनाव नहीं लडऩे देना चाहिए। लाख टके का सवाल यह है कि उन्हें रोकेगा कौन? बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा?