नईदिल्ली/नवप्रदेश। सुप्रीम कोर्ट(supreme court) ने आज एक फैसला (Decision) देते कहा कि मां (mother) के साथ पिता (Father)का प्यार (love) भी बच्चे (child)के लिए जरूरी (Necessary) है। दरअसल मामला बच्चे की कस्टडी (Custody) को लेकर था। जिसमें कोर्ट (court) ने कहा कि बच्चे को अपने से पर्याप्त समय और प्यार मिलना चाहिए। कोर्ट ने अलग हो चुके एक कपल के बच्चे को लेकर मुकदमे की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
कोर्ट (court) ने आगे कहा कि हालांकि माता (mother)का प्यार जरूरी है, लेकिन पिता (father) के बच्चे से मिलने और कस्टडी (Custody) के अधिकार को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। एक बच्चे को दोनों के ही लगाव और प्यार की जरूरत होती है। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में मामले की सुनवाई कर रहे बेंच के प्रमुख न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बदलते हुए ये बात कही। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 5 साल के बच्चे कस्टडी (Custody) को लेकर अपने फैसले में पिता के अधिकार से इनकार नहीं किया था।
कोर्ट (court) ने कहा था कि पिता अपने बच्चे से महीन में दो बार मिल सकते हैं। हाई कोर्ट (high court) ने आगे कहा कि इस उम्र में बच्चे को माता की कस्टडी (Custody) की अधिक जरूरत होती है। माता-पिता के झगड़े में बच्चे को उसके अधिकार से बंचित नही किया जा सकता। उसका दोनों के प्यार और स्नेह की जरूरत है। अदालत ने कहा कि परिवार को अदालत का यह निर्देश है कि वह बच्चे से मिलने का अधिकार इस प्रकार तय करें कि उसे दोनों का प्यार और स्नेह मिल सके। कोर्ट ने कहा कि यह बच्चे का अधिकार है।