सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक महिला वकील ने प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने अचानक हंगामा शुरू कर दिया (Supreme Court Chaos)। पीठ द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद जब महिला वकील शांत नहीं हुईं और कोर्ट की प्रक्रिया का पालन करने से मना कर दिया, तो अंततः पीठ को सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर उन्हें कोर्ट रूम से बाहर करवाने का आदेश देना पड़ा।
घटना तब हुई जब उक्त वकील ने सीजेआइ सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एनके सिंह की पीठ के समक्ष सूची के बाहर के एक मामले का मौखिक उल्लेख किया। महिला वकील का आरोप था कि जब वह मुंबई में थीं, तब दिल्ली के एक गेस्ट हाउस में उनकी करीबी दोस्त की हत्या कर दी गई, और जिस पुलिस अधिकारी ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार किया था उसी को अब जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है।
इस पर सीजेआइ (Supreme Court Chaos) ने उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए याचिका दाखिल करने की सलाह दी, लेकिन महिला वकील ने कहा—”मैं अवसाद में हूं, मैं ऐसा करूंगी”—और कोर्ट रूम से जाने से साफ इनकार कर दिया। पीठ ने वहां मौजूद एक वकील से उनके लिए मामला दायर करने में सहायता करने का अनुरोध किया, लेकिन महिला वकील अगले मामले की सुनवाई शुरू होने तक अपनी दलीलें देती रहीं।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब कोर्ट मार्शलों ने उन्हें हटाने का प्रयास किया। महिला वकील जोर-जोर से चिल्लाने लगीं और बोलीं—“दुर्व्यवहार मत करो, मुझे मत छुओ।” उनकी आवाज लगातार तेज होने पर अदालत की कार्यवाही की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग भी कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी। अंततः सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें कोर्ट रूम से बाहर ले जाया ।

