नई दिल्ली। Shivling figure found in Gyanvapi: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फैसले को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षकारों की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया। सर्वेक्षण में ‘कार्बन डेटिंग’ तकनीक भी शामिल है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि शिवलिंग कितना पुराना है।
प्रधान न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस, नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी, पारदीवाला की पीठ ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी की दलीलों का संज्ञान लिया और याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई।
अहमदी ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील लंबित है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 मई को ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए एक ढांचे की आयु निर्धारित करने के लिए परिष्कृत तकनीक का उपयोग करने का आदेश दिया था, जिसे ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया गया था।
मई 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किए गए एक सर्वेक्षण के दौरान मिली संरचनाओं की कार्बन डेटिंग सहित वैज्ञानिक परीक्षण की मांग वाली याचिका को खारिज करने वाले वाराणसी कोर्ट के आदेश को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। हिंदू पक्षकार के शिवलिंग का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने के अनुरोध पर उच्च न्यायालय ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश को कानून के अनुसार आगे बढऩे और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आदेश दिया था।