Supplementary Budget : विपक्ष के आरोपों का सीएम भूपेश ने दिया करारा जवाब
रायपुर/नवप्रदेश। Supplementary Budget : विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए 505 करोड़ 700 रुपए का तृतीय अनुपूरक बजट (Supplementary budget) विपक्ष के विरोध के बीच पारित हो गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुपूरक बजट संबंधी प्रस्ताव रखा।
इसके बाद इस पर हुई चर्चा में भाजपा सदस्यों ने इसमें खामियां गिनाईं। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि अनुपूरक बजट में सिर्फ राजस्व व्यय का जिक्र है। पूंजीगत व्यय के लिए सिर्फ 300 रुपए हैं।
इन नेताओं ने यह भी कहा कि इस बजट में न तो किसान का ध्यान रखा गया न गरीबों का और न ही कोरोना के इलाज के चलते बर्बाद हो चुके परिवारोंं का। इसका मुख्यमंत्री ने भी करारा जवाब देते हुए कहा कि आप लोगों को गुमराह करने के लिए ये बातें करते हैं। दो साल में राज्य के केंद्र पर 14 हजार करोड़ रुपए बकाया हो गए हैं। इस पैसे को केंद्र से दिलवा दीजिए हुजूर। केंद्र सरकार प्रदेश सरकार को चूना लगा रही है।
26 माह में ले लिया 36 हजार करोड़ का कर्ज : रमन सिंह
अनुपूरक बजट का विरोध करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि आपने 26 माह में 36 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया। इस अनुपूरक बजट (supplementary budget) में किसानों, बेरोजगारों व कोरोना के इलाज में अपनी संपत्ति बेचकर बर्बाद हो चुके लोगों को राहत पहुंचाने महत्वपूर्ण प्रावधान कर देते। इसके लिए और कर्ज ले लेते। पूंजीगत व्यय पहले 10 हजार करोड़ हुआ करता था, जो लगातार घट रहा है।
आप से तो कम ही ले रहे हैं कर्ज : सीएम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह को जवाब देते हुए कहा कि हम आपसे कम ही कर्ज ले रहे हैं । आप तो जीडीपी का 16 फीसदी तक लेते थे। अभी तक हमने इस स्तर को नहीं छुआ है। हम छत्तीसगढ़ के हर व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने के लिए कर्ज ले रहे हैं। आपके लिए तो भौतिक विकास ही सबकुछ था।
पूंजीगत व्यय के लिए सिर्फ 300 रु. : कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि अनुपूरक बजट में पूंजीगत व्यय के लिए सिर्फ 300 रुपए है । इससे छत्तीसगढ़ की बदतर स्थिति को समझा जा सकता है। सरकार तालाबों को भी बेच रही है। रायपुर के एक तालाब के आसपास दुकानें बनाई जा रही है। किसानों, गरीबों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है।
विभागीय बजट में पहले ही प्रावधान : मुख्यमंत्री
कौशिक के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप गुमराह मत कीजिए। केंद्र सरकार पर 1400 करोड़ बकाया है। पहले इन्हें दिला दीजिए हुजूर। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन 300 रुपए की आप बात कर रहे हैं। उन मांगों के लिए संबंधित विभागों को मुख्य व पहले तथा द्वितीय अनुपूरक बजट में राशि आवंटित की जा चुकी है। 100-100 रु. का प्रतीकात्मक प्रावधान सिर्फ हेड खोलने केे लिए किया गया है।
16 करोड़, कैसे हो गए 1600 करोड़ : चंद्राकर
अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री के अनुपूरक बजट का प्रस्ताव रखते ही इसकी प्रति में हुई प्रिंटिंग मिस्टेक को मुद्दा बना दिया। उन्होंने कहा कि 16 करोड़ मानें या 1600 करोड़। पांच सौ करोड़ के बजट में 1600 करोड़ कहां से आ गए। किस पर चर्चा करें। यह बड़ी गलती है।
आपके समय इससे भी बड़ी त्रुटि हुई थी : सीएम
मुख्यमंत्री ने पहले तो स्पष्ट कर दिया था कि इसे 16 करोड़ ही पढ़ा जाए। लेकिन अंत में अपने भाषण में उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के समय की गलती को दस्तावेज के साथ रखा। तब की सरकार के ऊर्जा विभाग के लिए की प्रावधानित राशि का जिक्र किया और कहा कि इस त्रुटि का क्या। सीएम ने यह भी कहा कि आज तो एक जगह शब्दों में 1600 लाख भी लिखा था। फिर भी बखेड़ा खड़ा कर दिया गया।